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लघु व्यापारियों को राहत राशि दिए जाने की मांग

हरिद्वार। लघु व्यापार एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर लघु व्यापारियों को राहत राशि दिए जाने की मांग की है। पत्र में संजय चोपड़ा ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए लागू किए गए लाॅकडाऊन की वजह से लघु व्यापारियों का काम धंधा पूरी तरह बंद हो गया है। लोगों को रोजमर्रा की जरूरी वस्तुएं उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लघु व्यापारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लघु व्यापारियों का संरक्षण भी सरकार की जिम्मेदारी है। ताकि उनके परिवारों को संकट से बचाया जा सके। पत्र में संजय चोपड़ा ने बताया कि उत्तराखण्ड में लगभग तीन लाख लघु व्यापारी हैं। सब्जी, फल आदि मुहैया कराने के कार्य को जरूरी सेवाओं के अंतर्गत रखा गया है। लेकिन मंडियों से ठेलों, टेम्पों आदि सामान लेकर आने वाले लघु व्यापारियों को प्रशासन की सख्ती का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सप्लाई लाईन टूटने का खतरा है। इसलिए सभी लघु व्यापारियों को परिचय पत्र जारी किए जाएं। ताकि गली मौहल्लों में सब्जी, फल आदि लोगों को आसानी से मिल सकें। साथ ही खाद्य पदार्थ बेचन

लाॅकडाउन के दौरान असहायों की मदद करने की अपील

हरिद्वार। समाजसेवी राजकुमार अग्रवाल ने राज्य की त्रिवेंद्र सरकार से लाॅकडाऊन के चलते गरीब, असहाय, निर्धन लघु व्यापारियों की मदद करने की अपील की है। राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि फड,़ ठेली, खोखा आदि लगाकर गुजर बसर करने वाले लघु व्यापारियों की रोजी रोटी पर संकट आ गया है। उन्होंने कहा हरिद्वार में ऐसे लोग बहुतायत संख्या में हैं। घाटों पर माला, सिंदूर, चूड़ी, पूजन सामग्री, फूल प्रसाद बेचने वाले लघु व्यापारियों का काम पूरी तरह बंद हो गया है। जिससे इनके सामने घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। सरकार को ऐसे लघु व्यापारियों को राहत पहुंचाने के लिए कदम उठाने चाहिए। सभी लघु व्यापारियों के खाते में आर्थिक मदद पहुंचायी जाए। राशन उपलब्ध कराया जाए। जिससे उन्हें राहत मिल सके। राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि लाॅकडाऊन के चलते लघु व्यापारियों को प्रत्येक गली मौहल्ले में सात बजे से दस बजे तक दुकान खोलने की अनुमति दी जाए। जिससे लघु व्यापारियेां का रोजगार भी चलता रहे और लोगों को अपने आसपास जरूरत का सामान मिल सकेगा। शासन प्रशासन को जल्द से जल्द इस कार्रवाई को अमल में लाना चाहिए। जिससे मजदूर वर्ग को राहत मिल सकेगी।

पार्षद ने भिखारियों को बंटवाया खाना

हरिद्वार। पार्षद विनीत जौली ने बिरला घाट पर भिखारियों व शहर में फंसे बाहरी लोगों को खाना वितरित किया। लाॅकडाऊन के चलते घाटों व सड़कों पर रहने वाले भिखारियों तथा शहर में फंसे बाहरी लोगों के लिए खाने का संकट उत्पन्न हो गया है। ऐसे में कई संस्थाएं व समाजसेवी ऐसे लोगों को खाना उपलब्ध कराने में सहयोग कर रहे हैं। भाजपा पार्षद विनीत जौली ने बताया कि लाॅकडाऊन के चलते गंगा घाटों पर भिक्षा मांग कर गुजर बसर करने वाले लोगों को खाना नहीं मिल पा रहा है। हालांकि प्रशासन अपनी और से ऐसे लोगों की मदद करने का प्रयास कर रहा है। ऐसे में सभी का दायित्व है कि ऐसे वक्त में बेहसहारा लोगों की मदद की जाए। श्रद्धालुओं द्वारा किए जाने वाले दान पुण्य से ही इनकी गुजर बसर होती है। लाॅकडाऊन के चलते श्रद्धालु नहीं आ रहे हैं। ऐसे में स्थानीय लोगों का फर्ज है कि इनकी मदद की जाए। उन्होंने कहा कि अन्य पार्षदों व जनप्रतिनिधियों को भी गरीबों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।

पुलिस की गाॅधीगिरी,अधिक रेट लेने वाले दुकानदारों को पोस्टर देकर कराया शर्मिंदा

हरिद्वार। लॉकडाउन में जमाखोरी करने वालों को सबक सिखाने के लिए हरिद्वार पुलिस ने गांधीगीरी का रास्ता अपनाया। पुलिस ने मुनाफाखोरों को शर्मिंदगी भरे पोस्टर देकर शर्मिंदा किया और उनकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल की। ईनामदारी से काम करने वाले दुकानदारों की पुलिस ने पीठ भी थपथपाई और हौसला बढ़ाया। 21 दिन के लॉकडाउन के ऐलान के बाद लगातार जमाखोरी और मुनाफाखोरी की शिकायतें आ रही हैं। गुरुवार को हरिद्वार नगर कोतवाली पुलिस सड़कों पर उतर गई। जैसे जैसे पुलिस को सूचना मिलती रही, वैसे वैसे पुलिस मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करती है। इस बार पुलिस ने गांधीगीरी में अनोखी पहल की। सब्जी, किराना कारोबारी को रेट से अधिक वसूली पर पुलिस ने बाकायदा उसके हाथ में शर्मिंदगी भरे शब्दों का पत्र थमाकर उसकी फोटो खींची और सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। दुकानदारों को जब शर्मिंदगी महसूस हुई तो उन्होंने दोबारा ऐसा नहीं करने की शपथ ली। पुलिस ने इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल किया। जिसमें हरिद्वार पुलिस को सराहा जा रहा है। वहीं, पुलिस ने ईमानदारी से अपना काम करने वाले किराना दुकानदारों की पीठ भी थपथपाई है। पुलिस जमाखोरी और मुनाफा

दुकाने खुलने पर लोगों ने खरीदा सामान ,सब्जियों के दाम बढ़े

हरिद्वार। प्रशाासन के लाखों दावों के बावजूद चैथे दिन कई क्षेत्रों से व्यापारियों द्वारा कालाबाजारी तथा ओवररेट लिये जाने की शिकायतें आती रही। प्रशासन द्वारा दिशा-निर्देश के बाद गुरूवार को सवेरे सात बजे से दस बजे तक राशन, दूध, दवाओं आदि की दुकानें खुली। दुकानें खुलने पर बड़ी संख्या में लोगों ने राशन, दूध, दवाईयां आदि खरीदी। कई स्थानों पर सामान खरीदने निकले अधिकांश लोग दाम अधिक लिए जाने की शिकायत करते रहे। खासतौर पर सब्जियों के दाम अधिक लिए जाने की शिकायत अधिक रही। लोगों की शिकायत रही कि आलू आदि के दाम दस रूपए अधिक लिए जा रहे हैं। अन्य सब्जियों के दाम भी कमोबेश बढ़ा दिए गए हैं। अधिक दाम वसूल रहे कुछ ठेली वालों को पुलिस ने जमकर हड़काया। साथ ही इस विषम परिस्थिति में मुनाफाखोरी नहीं करने के लिए समझाया गया और सामान्य लोगों को भी इस बात के लिए प्रेरित किया गया कि इन परिस्थितियों में अपनी दैनिक आवश्यकताओं का ही सामान खरीदें। इसके अलावा गैस एजेंसियों से सिलेंडर लोगों के घर पहंुचाए गए। गैस एजेंसियों से केवल आॅनलाईन बुकिंग पर ही सिलेंडर दिए जा रहे हैं। घरों में दूध की सप्लाई भी सामान्य दिनों की तरह ह

अभी भी तीर्थनगरी में 14 सौ से अधिक यात्री रूके हुए

हरिद्वार। लाॅकडाउन के चैथे अभी भी 14 सौ से अधिक पर्यटक ठहरे हुये है,जबकि चैथे दिन प्रशासन द्वारा करीब चार हजार खाद्य पैकेट बांटे गये। चैथे दिन प्रशासन द्वारा 193 स्थानों पर आकस्मिक छापेमारी अथवा निरीक्षण किया गया,जबकि धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ कारवाई की गई। प्रशासन की ओर से नोडल अधिकारी हरिद्वार द्वारा जारी सूचना के अनुसार गुरूवार को तीर्थनगरी में 1405 पर्यटक अभी भी विभिन्न स्थानों पर ठहरे हुए है। इसके अलावा प्रशासन द्वारा चैथे दिन 193 जगहों पर आकस्मिक छापा अथवा निरीक्षण की कारवाई की गई। जबकि प्रशासन की ओर से जरूरतमंदो को 3805 लोगों को खाद्य पैकेट बांटे गये। प्रशासन द्वारा लगातार जरूरतमंदो तथा असहायों के लिए खाने के अलावा जरूरी राशन देने की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा प्रशासन की ओर से पतंजलि पदार्था को पांच हजार खाद्य पैकेट तैयार करने के लिए कहा गया है,इन पैकेटों में पांच किलों आटा,तीन किलों चावल,एक किलों दाल,एक लीटर तेल के अलावा नमक एवं माचिस के पैकेट होंगे।  

प्रशासन ने भेजे 2384श्रमिकों के खातों में राहत राशि

हरिद्वार। लाॅकडाउन के दौरान सभी निर्माण कार्यो के बंद होने तथा श्रमिकों के समझ उत्पन्न संकटों के मददेनजर प्रशासन ने राहत देने का कार्य शुरू कर दिया। जिला प्रशासन की ओर से जारी आॅकड़ो के अनुसार भवन एंव सनिर्माण कर्मकार बोर्ड के अन्र्तगत पंजीकृत 36659 तथा नये पंजीकृत 12601 श्रमिकों के सापेक्ष जिला प्रशासन द्वारा गुरूवार को 2384 श्रमिकों को उनके बैंक खाते में राहत राशि भेज दी गयी। प्रशासन द्वारा डायरेक्ट टू बेनिफिट के तहत बैंको के माध्यम से राहत राशि भेजी गयी। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी की ओर से पहले ही आवश्यक कदम उठाते हुए नोड़ल अधिकारी नियुक्त कर जरूरी निर्देश दिए है। इसी के तहत गुरूवार को श्रमिकों को बैंक खातोें में राहत राशि एक हजार रूपये भेजा गया। प्रशासन की कारवाई नियमित तौर पर जारी रहेगी।