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गेहूॅ की खरीद एक अप्रैल से होगी प्रारम्भ,अपर जिलाधिकारी ने दिए निर्देश

  हरिद्वार। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) सह जिला खरीद अधिकारी बीर सिंह बुदियाल की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट मंे गेहूं खरीद की आवश्यक व्यवस्थायें समयान्तर्गत कराये जाने हेतु बैठक आहूत की गई। इस बैठक में उप सम्भागीय विपणन अधिकारी,हरिद्वार,प्रबंधक, यू०सी०एफ० हरिद्वार सचिव मण्डी समिति व क्रय केन्द्र प्रभारी उपस्थित हुए। उप सम्भागीय विपणन अधिकारी हरिद्वार द्वारा अवगत कराया गया कि गेहूं खरीद सत्र 2023-24 में जनपद हरिद्वार में विपणन शाखा के 05 क्रय केन्द्र, कॉरपोरेटिव व यू०सी०सी०एफ तथा अन्य शाखाओं के कुल 27 कय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उप सम्भागीय विपणन अधिकारी, हरिद्वार द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी गेहूं खरीद सत्र 01 अप्रैल, 2023 से प्रारम्भ होगी। बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि खाद्य विभाग, कॉरपोरेटिव, यू०सी०एफ० एवं अन्य शाखाओं द्वारा अपने क्रय केन्द्रों की स्थापना कर ली गई है, जिसके संबंध में संबंधित क्रय संस्थाओं को निर्देशित किया गया कि समय से क्रय केन्द्रों के आवश्यक व्यवस्थायें पूर्ण कर ली जाये। बैठक में क्रय केन्द्रों पर पर्याप्त बारदाने रखने हे

भक्तों का कल्याण करती है मां दुर्गा-आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी

 हरिद्वार। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्रों में नौ दिनों तक की जाने वाली मां भगवती के सभी स्वरूपों की आराधना व पूजन से प्रसन्न होकर मां दुर्गा अपने भक्तों का कल्याण करती है। नवरात्रों के उपलक्ष्य में श्री दक्षिण काली मंदिर में आयोजित विशेष अनुष्ठान के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि श्री दक्षिण काली मंदिर में साक्षात रूप से विराजमान मां दक्षिण काली के दर्शन करने मात्र से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। जिससे भक्त के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। इस अवसर पर पंडित राहुल शास्त्री व आचार्य सागर झा की भजन मंडली ने मां दुर्गा को समर्पित भजन प्रस्तुत किए। भजनों को सुनकर श्रद्धालु भक्ति भाव से विभोर होकर श्रद्धालु भक्त देर तक झूमते रहे। स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि 28 मार्च को आयोजित की जा रही भजन संध्या में दिल्ल्ी और मुंबई के मशहूर भजन गायक अपने सुरों का जादू बिखरेंगे। इस दौरान स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी,आचार्य पवनदत्त मिश्र,प्रमोद पांडे,

भक्तों की सभी मंशा पूरी करती हैं मां मनसा देवी-श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

  हरिद्वार। निरंजनी अखाड़ा स्थित चरण पादुका मंदिर में आयोजित विशेष नवरात्र अनुष्ठान के छठे दिन भक्तों को मां मनसा देवी की महिमा से अवगत कराते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि नवरात्रों में नौ दिनों तक देवी भगवती के अलग अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रों में की गयी देवी भगवती के विभिन्न स्वरूपों की पूजा साधक के अंर्तमन में व्याप्त समस्त विकारों को दूर करती है और उसे भगवती का सानिध्य और कृपा प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक श्रद्धालु भक्त को पूर्ण निष्ठा व विधि विधान से नौ दिनों तक मां भगवती की आराधना अवश्य करनी चाहिए। नवरात्रों में नौ दिनों तक नित्य मां मनसा देवी की आराधना और दर्शन से भक्तों को विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी,महंत केशव पुरी,महंत नरेश गिरी,महंत ओंकार गिरी, महंत राधे गिरी, महंत शिव वन, दिगंबर राधेश्याम पुरी, दिगंबर नीलकंठ गिरी, दिगंबर बलवीर पुरी,दिगंबर राजगिरी,दिगंबर आनन्द गिरी, दिगंबर राकेश गिरी, दिगंबर सुखदेव पुरी, द

मां वैष्णो देवी से बड़ी संसार में कोई दूसरी शक्ति नहीं -म0म0 स्वामी ललितानंद गिरी

 हरिद्वार। श्री सद्ध पीठ वैष्णों देवी गुफा वाले मंदिर में नवरात्रों के उपलक्ष्य में आयोजित विशेष अनुष्ठान में उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए भारत माता मंदिर के महंत एवं निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्र सनातन संस्कृति में मनाए जाने वाले धार्मिक उत्सवों में महत्वपूर्ण उत्सव हैं। उन्होंने कहा कि मां वैष्णो देवी की शक्ति से बड़ी संसार में कोई दूसरी शक्ति नहीं है। नवरात्रों के दौरान की जाने वाली आराधना से प्रसन्न होकर माता वैष्णा देवी भक्तों के समस्त कष्टों को दूर कर वैभव व सुख समृद्धि प्रदान करती हैं। सभी को नवरात्र के नौ दिनों में विधि विधान से मां वैष्णों देवी की पूजा अर्चना करनी चाहिए। श्री सिद्ध पीठ वैष्णों देवी गुफा वाले मंदिर के संचालन भक्त दुर्गादास ने कहा कि देवी दुर्गा के सभी नौ स्वरूप परम कल्याणकारी हैं। विधि विधान से की गयी मां भगवती की आराधना से समस्त शोक, संताप दरिद्रता दूर होती है। परिवारों में सुख समृद्धि का वास होता है। उन्होंने कहा कि 11 विद्वान ब्राह्मणों के सानिध्य में आयोजित किए जा रहे अनुष्ठान के माध्यम से समस्त व

पत्रकार के निधन पर पत्रकारिता जगत में शोक की लहर

 विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट व्यक्तित्वों की मौजूदगी में निर्भीक पत्रकार तनुज पंचतत्व मे विलीन हरिद्वार। वरिष्ठ पत्रकार तनुज वालिया का बीती रात ह्दय गति रूकने से निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को कनखल स्थित शमशान घाट पर किया गया। वे 46 वर्ष के थे। उनकी पार्थिव देह को उनके पुत्र रुद्र ने मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के दौरान बड़ी संख्या में पत्रकार, राजनीतिक दलों से जुड़े लोग, व्यापारी व समाजसेवी मौजूद रहे। तनुज वालिया के निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी,नगर विधायक मदन कौशिक,सांसद डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक, जिलाधिकारी विनय शकर पाण्डेय सहित कई विशिष्ट व्यक्तित्वों ने दुःख व्यक्त किया। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने भी तनुज वालिया के आकस्मिक निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना की है। वहीं जिला अधिकारी विनय शंकर पांडे, एसएसपी अजय सिंह ने भी अपनी संवेदना प्रकट की है। जिला सूचना अधिकारी प्रमोद तिवारी ने भी शोक प्रकट किया। तनु

अंततः योग, आयुर्वेद, अध्यात्म व पतंजलि की शरण में आना ही होगा-स्वामी रामदेव

  हरिद्वार। पतंजलि में आयोजित दस दिवसीय संन्यास दीक्षा महोत्सव के छठें दिन भावी संन्यासियों को संबोधित करते हुए स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि गर्व का विषय है कि पतंजलि के संन्यासी अलग-अलग सेवा प्रकल्प का नेतृत्व कर रहे हैं। पतंजलि से प्रेरणा लेकर लोग संन्यास मार्ग पर चलकर राष्ट्रसेवा में अपनी आहूति देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ऋषि-ऋषिकाओं का वंश बढ़ाने के लिए, अपने ऋषियों के उत्तराधिकारी, प्रतिनिधि बनने के लिए, योगधर्म, वेद धर्म, सनातन धर्म, संन्यास धर्म को राष्ट्रधर्म, युगधर्म और विश्वधर्म के रूप में प्रतिष्ठापित करने के लिए लोग स्वयं को गौरवान्वित अनुभव कर रहे हैं। कहा कि पूरे विश्व में चारों ओर फैले ईर्ष्या,द्वेष,भय,आतंकवाद,घृणा,धार्मिक उन्माद,रोगों के घात- प्रत्याघातों से बचने के लिए जब कोई मार्ग शेष नहीं बचेगा तो अंततः योग, आयुर्वेद, अध्यात्म व पतंजलि की शरण में आना ही होगा।आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि पतंजलि व स्वामी रामदेव के रूप में एक संन्यासी का दिव्य संकल्प व गौरव देखकर लोगों में पतंजलि स्वामी रामदेव व संन्यास के प्रति आस्था बढ़ी है। पतंजलि के माध्यम से देश,धर्म

विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम इस प्रकार रहें-

 200मीटर रेस में प्रथम सोनिका, द्वितीय हेमा व तृतीय निशा रही। 800 मीटर रेस में प्रथम हेमा, द्वितीय मुसकान व तृतीय मुकेश रहीं। हाई जम्प में प्रथम पूजा, द्वितीय नीशा व तृतीय पल्लवी रहीं। शॉट फूट में प्रथम अंजली, द्वितीय पूजा व तृतीय पल्लवी रही। जैवलिंग थ्रो में प्रथम अंजली, द्वितीय पूजा व तृतीय प्रीति रही। 100मीटर रेस में प्रथम, द्वितीय व तृतीय रही। 400मीटर रेस में प्रथम सोनिका, द्वितीय कोमल व तृतीय अनीता रही। लांेग जम्प में प्रथम पूजा, द्वितीय सोनिका व तृतीय हेमा रही। ट्रिपल जम्प में प्रथम हेमा, द्वितीय पूजा व तृतीय सोनिका रही। डिश्कस थ्रो में प्रथम अंजलि, द्वितीय पूजा व तृतीय खुशी रही। नॉन टीचिंग फिमेल व मेल की 100 मीटर रेस में फिमेल में प्रथम स्थान पर सरिता, द्वितीय स्थान पर संजू व तृतीय शारदा रही व मेल में प्रथम स्थान पर सोनू, द्वितीय सुरेंद्र व तृतीय मुकेश रहा।