हरिद्वार। एमएमजेएन महाविद्यालय के आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा डा.अम्बेडकर के विचारों में सामाजिक न्याय की संकल्पना तथा संविधान में सामाजिक न्याय व डा.भीमराव अम्बेडकर का जीवन परिचय विषय गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि डा.भीमराव अम्बेडकर एक समाज सुधारक होने के साथ एक अधिवक्ता,अर्थशास्त्री,राजनीतिज्ञ और भारतीय संविधान के मुख्य निर्माताओं में से एक थे। उन्होंने आर्थिक एवं सामाजिक असमानता पैदा करने वाली सामाजिक व्यवस्था को खत्म करने की पुरजोर वकालत की। डा. अम्बेडकर का मानना था कि आर्थिक उत्थान के बिना कोई भी सामाजिक एवं राजनीतिक भागीदारी सम्भव नहीं होगी। मुख्य अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के प्रभारी डा.संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि डा.अम्बेडकर द्वारा किये गयें कार्य आज शोध के लिए सबसे उपयुक्त हैं। वर्तमान समय में भारतीय अर्थव्यवस्था की सभी सामाजिक एवं आर्थिक समस्याओं जैसे गरीबी, बेरोजगारी, मंहगाई, पिछड़ापन आदि से सम्बन्धित गम्भीर विमर्श डा.अम्बेडकर के आर्थिक शोधों में देखा जा
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