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भैरो गिरी बने आनन्द अखाड़े के श्रीमहंत,संतो की मौजूदगी में हुई पुकार

 

हरिद्वार। अखाड़ों में धर्मध्वजाओं की स्थापना के साथ पदाधिकारियों की नियुक्तियां भी शुरू हो गयी हैं। श्री तपोनिधि आनन्द अखाड़े के कारोबारी महंत भैरो गिरी को अखाड़े का श्रीमहंत नियुक्त किया गया है। रविवार देर शाम एसएमजेएन कालेज में निरंजनी व आनन्द अखाड़े की छावनी में संत महापुरूषों की मौजदूगी में कारोबारी महंत भैरो गिरी महाराज की आनन्द अखाड़े के श्रीमहंत पद पर पुकार की गयी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज, निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज, श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज, आनन्द अखाड़े के महंत दिनेश गिरी, सचिव शंकरानंद सरस्वती, श्रीमहंत सत्यगिरी, सचिव गंगा गिरी सहित निरंजनी व आनन्द अखाड़े के रमता पंचों ने पूर्ण विधि विधान के साथ पूजा अर्चना व महंत भैरोगिरी का तिलक कर श्रीमहंत पद पर अभिषेक किया। श्रीमहंत नियुक्त होने पर संतों ने भैरोगिरी महाराज को फूलमालाएं पहनाकर स्वागत किया। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि श्रीमहंत भैरागिरी महाराज ऊर्जावान संत हैं। श्रीमहंत भैरोगिरी महाराज पद के अनुरूप जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए अखाड़े की उन्नति, प्रगति, गरिमा व सम्मान बढ़ाने के लिए कार्य करेंगे। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज व श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि श्रीमहंत भैरो गिरी महाराज कुंभ मेले को सकुशल व भव्य रूप से संपन्न कराने में सहयोग करें। आनन्द अखाड़े के सचिव श्रीमहंत गंगा गिरी महाराज ने कहा कि श्रीमहंत भैरोगिरी धर्म के प्रचार प्रसार व संत सेवा में अहम योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि ऊर्जावान तथा निष्ठावान संत श्रीमहंत भैरोगिरी के निर्देशन में अखाड़ा निश्चित रूप से प्रगति करेगा। नवनियुक्त श्रीमहंत भैरागिरी महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अखाड़े की परंपराओं के अनुरूप सभी के सहयोग से अखाड़े की प्रगति व उन्नति के लिए कार्य करेंगे। एडवोकेट अरविन्द शर्मा ने कहा कि संत महापुरूषों के सानिध्य में समाज को दिशा मिलती है। श्रीमहंत भैरोगिरी अखाड़े की परंपरा का पालन करते हुए समाज का मार्गदर्शन कर युवा पीढ़ी को प्रेरणा देंगे। गुजरात से आए जीतू भाई, रमेश भाई, शिवम, मनीष, अमन आदि सहित कई श्रद्धालुओं ने फूलमाला पहनाकर श्रीमहंत भैरोगिरी का स्वागत किया और संत महापुरूषों से आशीर्वाद लिया। 


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