हरिद्वार। कथाव्यास भागवताचार्य स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा कल्प वृक्ष के समान है। जिससे सभी इच्छाओं को पूरा किया जा सकताहै। कथा के प्रभाव से मन में सात्विक विचारों का उदय होता है। श्री साधु गरीबदासी धर्मशाला सेवाश्रम ट्रस्ट में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर डा.स्वामी श्यामसुंदरदास शास्त्री महाराज की पांचवी पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन श्रद्धालुओं को कथा श्रवण कराते हुए कथाव्यास स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि अन्य युगों में कल्याण और मोक्ष प्राप्ति के लिए जहां तमाम यत्न करने पड़ते थे। वहीं कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही कल्याण और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। उन्होनें कहा कि कल्याणकारी श्रीमद्भागवत कथा के प्रभाव से अधोगति में पड़े पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथा के प्रभाव से प्रेत योनि में विचरण रहे धुंधकारी को मोक्ष की प्राप्ति हुई। श्रीमद्भागवत कथा जीवन जीने की कला सिखाती है। कथा से मिले ज्ञान के अनुसार आचरण करने से मन में ज्ञान और वैराग्य उत्पन्न होता है। जिससे जीवन अत्यन्त सरल बन जाता है...
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