हरिद्वार,। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने समस्त देशवासियों को महाशिवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं प्रदान कर कुंभ मेला दिव्य रूप से सफल होने की कामना की। निरंजनी अखाड़े में प्रैस को जारी बयान में श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को समस्त अखाड़ा परिषद की ओर से बधाई देते हुए उनके द्वारा यात्री श्रद्धालुओं को बिना किसी रोकटोक के आने देने के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जिसके सिर पर सदाशिव भोलेनाथ का आशीर्वाद होता है। वही राजा बनता है। तीरथ सिंह रावत शिवरात्रि से एक दिन पूर्व मुख्यमंत्री बने। यह भोलेनाथ की उन पर कृपा है। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद शुरू से ही कंुभ मेले में यात्रियों को बेरोकटोक आने देने व कुंभ को भव्य दिव्य रूप से संपन्न कराने की मांग कर रही थी। मुख्यमंत्री का यह फैसला सराहनीय है। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के शाही स्नान में शामिल होने और संतों पर हैलीकाॅप्टर से पुष्पवषा्र्र कराने पर उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हरिद्वार भगवान शिव की नगरी है। श्रद्धालु भक्त कुंभ मेले में आएं और सरकार की गाइडलाईन का पालन अवश्य करें। सभी श्रद्धालु भक्त समस्त अखाड़ा परिषद की ओर से कुंभ मेले में सादर आमंत्रित हैं। उन्होंने कहा कि जो श्रद्धालु भक्त हरिद्वार में गंगा स्नान कर रहे हैं। भगवान उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें और जो श्रद्धालु भक्त कहीं अन्य स्नान कर रहे हैं। उनकी भी सभी मनोकामनाएं भगवान पूर्ण करें। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने संयासी अखाड़ों के प्रथम शाही स्नान के लिए अच्छी व्यवस्थाएं करने पर कुंभ मेला प्रशासन का आभार जताया। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज व आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को आशीवर्चन प्रदान करते हुए मां गंगा से उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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