हरिद्वार। उत्तरी हरिद्वार के प्रख्यात संत प्रखर महाराज पर लगे कानपुर के कारोबारी की जिस बेटी से दुष्कर्म का आरोप लगा है, उसने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। बुधवार को प्रेस क्लब मे पत्रकारो से वार्ता करते हुए कारोबारी की बेटी रही अब प्रखर महाराज की शिष्या ने कहा कि वह संत प्रखर महाराज की शिष्या है। उसके माता-पिता की ओर से उनके गुरू संत पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद और संत की छवि को खराब करने, दबाव बनाने के लिए लगाए गए हैं। साध्वी बनी उक्त शिष्या फिलहाल हरिद्वार में संत प्रखर महाराज के आश्रम में रह रही है। बताते चले कि मामले में कानपुर के किदवई नगर निवासी कारोबारी की पत्नी ने महामंडलेश्वर प्रखर महाराज के खिलाफ बेटी से दुष्कर्म और मानहानि समेत गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीड़िता ने मामले को लेकर राज्य महिला आयोग की सदस्य से भी गुहार लगाई थी। इसके बाद कमिश्नर के आदेश पर मंगलवार को पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। वही कारोबारी की बेटी ने उनके माता पिता द्वारा संत पर लगाए गए आरोपों को सिरे से नकारते हुए अपने परिजनों की मंशा पर ही सवाल खड़े कर दिए। उसका कहना है कि इस प्रकार के आरोप लगाकर संत की छवि को खराब किए जाने की साजिश की जा रही है। साथ ही उसने अपने माता-पिता से जान का खतरा भी बताया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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