हरिद्वार। युवक एवं नाबालिक लड़की की हत्या कर उनके शवों को छुपाने के मामले में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरुद्ध भट्ट ने दो आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 20000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है जबकि दो अन्य आरोपियों को साक्ष्य अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। शासकीय अधिवक्ता कुशलपाल सिंह चैहान ने बताया कि 9 नवंबर 2013 को युसूफ निवासी गुर्जर बस्ती थाना पथरी हरिद्वार में पथरी थाने पर एक गुमशुदगी दर्ज कराई थी। जिसमें उसने कहा था कि वह तीन माह से ग्राम दोगी वाला के समीप रह रहा है। रोजाना की तरह 7 नवंबर 2013 की रात्रि को 9ः00 बजे वह अपने परिवार वालों के साथ घर में सोया था। उसकी 15 वर्षीय पुत्री अलग चारपाई पर सो रही थी। सुबह 4ः00 बजे जब उसकी नींद खुली तो पुत्री खतीजा बिस्तर पर नहीं थी उसको काफी तलाश किया नहीं मिलने पर थाने पर गुमशुदगी दी थी। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद तीन आरोपियों लियाकत,जफर एवं साजिद के खिलाफ गुमशुदगी का मुकदमा नाबालिक लड़की का अपहरण कर लेने संबंधी धाराओं में तरमीम किया था। उसके बाद पुलिस ने आरोपी लियाकत, जफर अब्दुल गनी एवं वजीर को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया था। आरोपी लियाकत व जफर ने पुलिस को बताया था कि उन्होंने अब्दुल गनी व वजीर को खतीजा व साजिद की हत्या करने तथा साजिद के पास रखे 450000 रुपये रख लेने को कहा था। पुलिस ने आरोपी वजीर व अब्दुल गनी की निशान देही पर खतीजा एवं साजिद के कंकाल गुलरघाटी ऋषिकेश से बरामद किए थे। जांच के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। न्यायालय में वादी पक्ष की ओर से अट्ठारह गवाह तथा बचाव पक्ष की ओर से तीन गवाह पेश किए गए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने वजीर व अब्दुल गनी को खतीजा पुत्री युसूफ तथा साजिद पुत्र रियासत की हत्या कर शव छुपाने आदि का वजीर पुत्र फकीरा निवासी लक्कड़ घाट ऋषिकेश तथा अब्दुल गनी पुत्र घुम्मन निवासी लक्कड़ घाट ऋषिकेश को दोषी पाते हुए उन्हें आजीवन कारावास एवं 20000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि लियाकत व जफर पुत्र लाल हुसैन निवासी गुज्जर बस्ती, पदार्था पथरी को साक्ष्य अभाव में दोषमुक्त कर दिया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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