हरिद्वार। मानसून को देखते हुए राजाजी टाइगर रिजर्व में मॉनसून गश्त शुरु की गई। राजाजी टाइगर रिजर्व के पूर्वी क्षेत्र की तीनो रेंज चीला, गोहरी व रवासन की संयुक्त टीमों ने अपने अपने मुख्यालय से गश्त की शुरुआत की। सवेरे पांच बजे से शुरू हुए अभियान में तीनों रेंजो की कई टीमें हाथियों को साथ लेकर राजाजी के मुंढाल सेंटर पहुंची। गौरतलब है कि मानसून में गंगा तटीय क्षेत्रों से शिकारियों के राजाजी टाईगर रिजर्व में घुसने की आशंका बनी रहती है। इसमें चीला व गौहरी रेंज को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है। इसके साथ ही लैंसडौन वन प्रभाग से सटी रवासन यूनिट को भी संवेदनशील माना जाता है। ऊंची पहाड़ियां होने के चलते यह क्षेत्र विषम परिस्थितियों से भरा हैै। जिसके चलते यहां पर गश्त करना महकमे के लिए हमेशा टेढ़ी खीर रहा है। वही चीला व गोहरी रेंज हरिद्वार और ऋषिकेश के बीच मुख्य मार्ग से जुड़ी हुई है। इस मार्ग पर अक्सर वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। साल भर चलने वाली नियमित पेट्रोलिंग के साथ मॉनसून के दौरान इस क्षेत्र में वन विभाग विशेष सतर्कता बरतता है। मानसून गश्त को लेकर महकमे की और से कई तैयारियां की गयी हंै। प्रत्येक रेंज में गश्त के लिए युवा कर्मियों की चार-चार टीमें बनाई गई है। प्रत्येक टीम में 10 लोगो को रखा गया है। प्रत्येक टीम रोटेशन के तहत गश्त करने के बाद उसका ब्यौरा मुख्यालय को सौपेंगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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