हरिद्वार। जोशीमठ भू धंसाव मामले में सरकार पर आरोप प्रत्यारोप लगाने वाले संतों को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने नसीहत दी है। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी ने अपील करते हुए कहा है कि सरकार पर आरोप -प्रत्यारोप लगाने के बजाय राहत व बचाव कार्यों में सहयोग करें और पीड़ितों के लिए भगवान से प्रार्थना करें। मीडिया को जारी बयान में श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा है कि यह समय आरोप-प्रत्यारोप लगाने का नहीं है। यह संतों का काम भी नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं। वह खुद जोशीमठ में एक-एक पीड़ित के घर जाकर उनका हाल-चाल जान चुके हैं और राहत और बचाव कार्य की कमान उन्होंने खुद संभाली हुई है। मुख्यमंत्री अधिकारियों से लगातार मीटिंग करते हुए पल-पल की स्थिति पर निगाह बनाए हुए हैं। ऐसे में बयानबाजी करने वाले संतों को इससे बचना चाहिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और संगठन पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का कोई औचित्य नहीं है। हमें सरकार का साथ देना चाहिए और सरकार के साथ खड़े होकर संकट की इस घड़ी में पीड़ितों की मदद करनी चाहिए। जोशीमठ पीड़ितों की मदद के लिए हम जिस स्तर पर जो भी सहायता कर सकते हैं, हमें करनी चाहिए। सरकार हमेशा विकास की बात करती है। हमें एकजुट होकर सरकार का साथ देना चाहिए।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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