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चौत्र नवरात्र में होगी, श्रीमद् देवी भागवत कथाः आलोक गिरी

  हरिद्वार। चौत्र नवरात्र एवं हिंदू नव वर्ष के पावन उपलक्ष्य में श्रीबालाजी धाम सिद्धबली हनुमान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर, जगजीतपुर के प्रांगण में श्रीमद् देवीभागवत पुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। इसके उपरांत हनुमान जयंती महोत्सव एवं अयोध्या व चक्रतीर्थ (नैमिषारण्य) यात्रा का आयोजन किया जा रहा है।श्री बालाजी धाम सिद्धबलि हनुमान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के महंत स्वामी आलोक गिरी महाराज ने बताया कि हिंदू नववर्ष एवं चैत्र नवरात्र महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस  दौरान नवरात्र में देवी भागवत महापुराण, हनुमान जयंती महोत्सव एवं अयोध्या व चक्रतीर्थ (नैमिषारण्य) दर्शन यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि चौत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि 09 अप्रैल से नवमी तिथि 17 अप्रैल तक विद्वान आचार्य पं सोहन चंद्र ढौण्डियाल के मुखारविंद से प्रतिदिन सांयकाल 04बजे से श्रीमद् देवी भागवत पुराण का गुणगान किया जाएगा। नवमी तिथि को कन्या पूजन, हवन पूजन के साथ कार्यक्रम का समापन होगा। वहीं हनुमान जयंती समारोह का आयोजन 22 से 23अप्रैल तक किया जाएगा। 22अप्रैल को अखंड रामायण पाठ एवं 23अप्रैल को पूर्णाहुत

धर्म की प्रेरणा देने के साथ मानव कल्याण में भी संतों का अहम योगदान-स्वामी निर्मलदास

  हरिद्वार। गौ गंगा धाम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मलदास महाराज का अवतरण तारकेश्वर धाम में संत महापुरूषों के सानिध्य में मनाया गया। इस अवसर पर संतों व श्रद्धालुओं को भण्डारा प्रसाद भी वितरित किया गया। संतों ने स्वामी निर्मलदास महाराज को फूलमाला पहनाकर अवतरण दिवस की बधाई दी। स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि समाज को ज्ञान और अध्यात्म की प्रेरणा देकर सद्मार्ग पर अग्रसर करने में स्वामी निर्मल दास महाराज अहम भूमिका निभा रहे हैं। महंत कपिल मुनि व स्वामी हरिहरानंद ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में स्वामी निर्मलदास महाराज का अहम योगदान सभी के लिए प्रेरणादायी है। स्वामी निर्मलदास महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संत महापुरूष समाज को धर्म की प्रेरणा देने के साथ विभिन्न सेवा प्रकल्पों के माध्यम से जरूरतमंदों की सेवा और मानव कल्याण में अपना योगदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्व की आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार से प्रसारित होने वाले संत महापुरूषों के संदेशों से पूरे विश्व को मार्गदर्शन प्राप्त होता है। संत महापुरूषों के सानिध्य में ही भक्तों के कल

मां गंगा को प्रिय है अमावस्या, चतुदर्शी, सप्तमी व दशमी-स्वामी कैलाशानंद गिरी

 हरिद्वार। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि सनातन संस्कृति में स्नान,दान आदि का विशेष महत्व है। विशेष पर्वो पर गंगा स्नान और गंगा जल के आचमन से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्य फल की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि सोमवती अमावस्या पर गंगा व अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से कई लाख गुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है। गंगा स्नान करने के साथ अन्न दान अवश्य करना चाहिए। सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान,गायत्री जप,सूर्य को अर्ध्य और गरीबों को अन्न आदि दान करने से ईश्वर प्रसन्न होते हैं। सोमवती अमावस्य को हवन का भी विशेष महत्व है। मां गंगा को अमावस्या, चतुदर्शी,सप्तमी और दशमी अत्यंत प्रिय है। कहा कि गंगा स्नान के उपरांत सार्म्थ्य के अनुसार जितना भी दान आदि किया जाता है। उसका लाख गुना फल मां गंगा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि गंगा स्नान करने के साथ सभी को गंगा को निर्मल और अविरल बनाए रखने के लिए दूसरों को भी गंगा स्वच्छता के प्रति प्रेरित करना चाहिए। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के शिष्य अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि प्रतिवर्ष की

सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया

  हरिद्वार। सोमवती अमावस्या के अवसर पर पावन धाम आश्रम की ओर से श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। इस दौरान आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कराते हुए कथा व्यास पंडित भगवत प्रसाद तिवारी ने भागवत के महात्म्य पर प्रकाश डाला और भगवान के विभिन्न अवतारों की व्याख्या की। संस्था के अध्यक्ष सुनील गर्ग व महामंत्री अंशुल श्रीकुंज ने बताया कि संस्था के प्रतिवर्ष होने वाले वार्षिकोत्सव में भागवत कथामृत के रूप में मनाया जा रहा है। देश भर से संस्था से जुड़े श्रद्धालु पावन धाम में पधार रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह आयोजन बैसाखी पर्व तक चलेगा। कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष सुनील गर्ग,महामंत्री अंशुल श्रीकुंज,वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवींद्र सूद,डा.भरत अग्रवाल,संयुक्त सचिव सुरेंद्र गोयल,कोषाध्यक्ष पवन अग्रवाल,योगेश गर्ग,मनविंदर सग्गू,सुनीता रानी,निधि श्रीकुंज,अविनाश खोसला,सुखनन्दन गर्ग,दीक्षा पांडेय,प्रकाश जोशी,पूजा शर्मा,दिनेश भोला,हरिकिशन वर्मा,अखिलेश तिवारी आदि उपस्थित रहे। 

बिना मांगे ही भक्तों को सर्वस्व अर्पण कर देते हैं भगवान-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

  हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी मंदिर रामनगर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के सप्तम दिवस की कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि जिसके मन में संतोष होता है। वह कभी दरिद्र नहीं होता। दरिद्र वह होता है जिसके मन में कभी संतोष नहीं रहता। सुदामा परम संतोषी ब्राह्मण थे। हमेशा भगवान का धन्यवाद कहते थे। संदीपनी मुनि के के आश्रम में विद्या अध्ययन के दौरान कृष्ण और सुदामा की मित्रता हुई। विद्या अध्ययन के बाद दोनों अपने अपने घर चले गए। समय के साथ कृष्ण द्वारिकापुरी के राजा द्वारिकाधीश बन गए। परंतु सुदामा की स्थिति बहुत ही दयनीय थी। सुदामा अपनी पत्नी सुशीला एवं दो बच्चों के साथ झोपड़ी में निवास करते थे। स्थिति इस प्रकार की थी खाने, पहनने और ओढ़ने के लिए भी कुछ नहीं था। परंतु भगवान से कभी कुछ नहीं मांगते थे। हमेशा श्री कृष्ण की मित्रता को याद करते एवं उनकी भक्ति किया करते। परंतु कभी भी उनसे किसी भी चीज की याचना नहीं करते थे। एक बार पत्नी के कहने पर सुदामा एक पोटली में दस मुट्ठी चावल लेकर श्री कृष्ण से मिलने के लिए द्वारिकापुरी पहुंचे। श्रीकृष्ण ने द्वारिकापुरी में सुदा

कीर्तन दरबार और संत समागम का आयोजन किया

हरिद्वार। कनखल स्थित निर्मल संतपुरा आश्रम गुरुद्वारे में 18वें महान कीर्तन दरबार और संत समागम का आयोजन किया गया। संत आशीर्वाद हॉल में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और श्रीगुरु ग्रंथ साहिब के आगे माथा टेका। संत जगजीत सिंह शास्त्री ने बताया कि महापुरुषों की स्मृति में शनिवार को 101 श्री अखंड पाठ लड़ी का आरंभ कर रविवार को भोग डाला गया। उन्होंने कहा कि महापुरुषों का सान्निध्य जिसे प्राप्त हो जाता है। उसका जीवन सफल होता है। बाबा प्रेम सिंह ने कहा कि संतों का आशीर्वाद जिसके साथ हो वह कभी दुख नहीं पाता। गुरू नानक देव ने भी संतों की सेवा की थी। भाई बलजिंदर सिंह,भाई अमरजीत सिंह पटियाला वाले,भाई हरजिंदर सिंह खालसा जालंधर वाले,बाबा गुरविंदर पाल सिंह ने गुरबाणी कीर्तन से सभी को निहाल किया। इस अवसर पर संत मंजीत सिंह,बाबा मोहन सिंह,संत जसविंदर सिंह,संत रंजीत सिंह,महंत रविदेव शास्त्री,स्वामी हरिहरानंद,विनोद महाराज,बाबा मोहन सिंह,स्वामी जमनादास,स्वामी देवानंद, स्वामी रामदास,महंत गुरमाल सिंह,स्वामी योगेंद्रानंद,स्वामी दिनेशानंद,स्वामी दामोदर दास,स्वामी कृष्णानंद

ज्ञान का भण्डार हैं वेद-स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरी

 हरिद्वार। श्री सूरत गिरि बंगला गिरिशानंद आश्रम में आयोजित अतिरूद्र महायज्ञ के दौरान शनिवार को वैदिक विद्वानों को सम्मानित किया गया। यज्ञ की पूर्णाहुति 8 अप्रैल को होगी। 29मार्च को दक्षिण भारतीय वैदिक विद्वानों के आचार्यत्व में अतिरूद्र महायज्ञ का शुभारम्भ हुआ था। इस अवसर पर अपने आशीवर्चन देते हुए आश्रम के परमाध्यक्ष महामण्डलेश्वर आचार्य स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज ने विद्वानों को सम्मानित करते हुए वैदिक संस्कृति के संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। कहा कि वेद हमारी मूल जड़ हैं और वैदिक परंपरा को जीवित रखना ही हमारा परमदायित्व है। उन्होंने कहा कि आधुनिक समय में लोग इस विचार से विमुख नहीं हो सकते कि वेदों में निहित सच्चाइयां संजोए जाने योग्य नहीं हैं। वेद ज्ञान का भण्डार हैं। इसलिए, यह विचार कि हमें वेदों में निहित सत्य को समझना और प्रचारित करना चाहिए। आश्रम की प्राचीन परंपरा रही है कि वैदिक मार्ग,वेद अध्ययन,वैदिक यज्ञ अनुष्ठान मंे रत रहना अपना निज धर्म समझता है। यही आश्रम का मूल बीज है। जिसका आश्रम प्राचीन काल से रक्षण करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि संस्कृत सबसे प्राचीन भाषा है और

गोवर्धन पूजन से श्रीकृष्ण ने दिया प्रकृति संरक्षण का संदेश-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

  हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी मंदिर रामनगर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पूजन करवाकर प्रकृति का संवर्धन करने की प्रेरणा दी। कथा का श्रवण कराते हुए शास्त्री ने बताया कि एक बार जब बृजवासी देवराज इंद्र का पूजन करने जा रहे थे। कृष्ण ने सभी बृजवासीयों से पूछा कि इंद्र का पूजन करने से क्या होता है। बृजवासीयों ने कहा इंद्र बरसात के देवता हैं। बारिश होती है तो हरी हरी घास उत्पन होती है। उस घास को खाकर गाय दूध देती है और हम दूध दही माखन को बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। कृष्ण ने बृजवासियों से पूछा आप लोगों ने देवराज इंद्र को कभी देखा है। ब्रज वासियों ने मना कर दिया कि कभी देखा तो नहीं है। कृष्ण ने कहा जिसको देखा नहीं है उसका पूजन करने से क्या लाभ। हमारे प्रत्यक्ष देव गोवर्धन देव हैं जो कि हमें साक्षात दर्शन दे रहे हैं। गोवर्धन पर्वत के ऊपर पेड़ पौधे हरियाली प्रकृति के कारण हम श्वांस ले पा रहे हैं। जिससे हम जीवित हैं।ं हमारी गौमाता को भी घास की व्यवस्था यह प्रकृति कर रही है। हम सब को प्रकृति और पेड़

हरिद्वार पहुंची ऐतिहासिक दमड़ी यात्रा का स्वागत किया

  हरिद्वार। भगवान रविदास के प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में जालंघर से निर्मला छावनी स्थित गुरू रविदास आश्रम बेगमपुरा पहुंची ऐतिहासिक दमड़ी यात्रा का जिला बार संघ के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट सुशील कुमार,राजवीर सिंह कटारिया,दिनेश कुमार शर्मा,राजेंद्र कटारिया,विशाल राठौर,सोनू लाठी,बृजेश कुमार,भोला शर्मा,अशोक कटारिया,अंकुश शेरशाल,विजयपाल सिंह,प्रवीण कुमार,वरिष्ठ भाजपा नेता डा.विशाल गर्ग आदि ने बाल्मीकि चौक पर यात्रा में शामिल संतों और श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। समाजसेवी राजवीर सिंह कटारिया एवं बार संघ के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट सुशील कुमार ने कहा कि गुरू रविदास महाराज के जीवन आदर्शो से समाज को प्रेरणा मिलती है। गुरू रविदास महाराज ने समाज उत्थान में अपना योगदान दिया। मानव कल्याण के लिए जीवन समर्पित करने वाले गुरू रविदास महाराज की शिक्षाएं सदैव प्रासंगिक रहेंगी। डा.विशाल गर्ग ने कहा कि गुरू रविदास महाराज ने अपनी वाणी और विचारों से समाज को समरसता का संदेश दिया। स्वागत के उपरांत संत निर्मलदास महाराज,संत इन्द्रदास शेखे एवं बहन संतोष की अगुवाई में भव्य शोभायात्रा के रूप में यात्रा हरकी पैड़ी

श्रीकृष्ण की लीलाओं के पीछे छिपे हैं रहस्य-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

  हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी मंदिर रामनगर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का श्रवण कराते हुए बताया कि श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के पीछे रहस्य छिपे हैं। जिन्हें समझना जरूरी है। बृजवासी मथुरा जाकर सारा दूध, दही और मक्खन बेच आते थे। बृजवासी बालकों को दूध दही मक्खन नहीं मिल पाता था। जिससे वे बहुत ही ज्यादा दुबले-पतले और कमजोर थे। जबकि मथुरा में कंस एवं कंस के जितने भी साथी राक्षस थे। सब दूध दही मक्खन खाकर पहलवान हो रहे थे। श्रीकृष्ण ने योजना बनाई गोपिकाओ के घरों में जाकर बृजवासी बालकों को दूध दही माखन खिलाया जाय। जिससे बालकों का बाल बढ़े और राक्षसों का बल घटे। इसके बाद श्रीकृष्ण ने बृजवासी बालकों के साथ अघासुर,बकासुर,केसी, कंस जैसे अनेकों राक्षसों का संहार किया। शास्त्री ने बताया कि इसी गोपियों के संग चीर हरण लीला के पीछे प्रयोजन यह था कि गोपिकाएं जब जमुना में स्नान करती थी तो कंस के राक्षस छुप-छुप कर गोपीकाओ को देखते थे और पकड़ कर उनके साथ अभद्र व्यवहार करते थे। चीरहरण के माध्यम से कन्हैया ने सभी को शिक्षा दी

अलविदा जुमे की नमाज अदा कर रोजेदारों ने मांगी दुआएं

 हरिद्वार। माह-ए-रमजान के अलविदा जुमे की नमाज शहर और देहात की तमाम मस्जिदों में अकीदत के साथ अदा की गई। रोजेदारों ने नमाज अदा कर मुल्क में अमन चैन और खुशहाली की दुआएं मांगी। मस्जिदों में अलविदा जुमे का विशेष खुतबा बयान किया गया। मौलानाओं ने ईद की नमाज से पहले फितरा और जकात अदा करने के लिए कहा। शुक्रवार को माह-ए-रमजान के अंतिम जुमे की नमाज को लेकर रोजेदारों में विशेष उत्साह रहा। अलविदा जुमे पर सवेरे से ही मस्जिदों में नमाजियों की भारी भीड़ उमड़ी। नमाज से पहले मौलाना इकबाल कासमी ने तकरीर करते हुए कहा कि रमजान धीरे-धीरे रुखसती की ओर है। रमजान के शेष बचे दिनों में ज्यादा से ज्यादा इबादत कर अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अल्लाह ने ईद रमजान का इनाम रखा है। गरीब, जरूरतमंद लोगों की मदद करें। पड़ोस व आसपास में रहने वाला कोई इंसान भूखा न रहे, इसका ध्यान भी रखें। रमजान में एक नेकी करने पर अल्लाह ने 70 नेकियों का सवाब रखा है। इसलिए इबादत के साथ ही नेक और अच्छे काम करने चाहिए। रमजान अच्छाई का रास्ता दिखाता है। सभी को अच्छाई के रास्ते पर चलना चाहिए। मंडी की मस्जिद के पेश इ

युवा पीढ़ी है भारत का भविष्य-पं.पदम प्रकाश शर्मा

 हरिद्वार। सोशल वेलफेयर एवं युवा पीढ़ी में प्रतिभा परिष्करण के क्षेत्र में कार्यरत संस्था जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय युवा केंद्र में आज निःशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रही प्राथमिक स्तर की छात्राओं को अंकपत्र के साथ ही पुरस्कार देकर शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर कक्षा 1 से 5 तक की ग्यारह छात्राओं को अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए। अंक-पत्र एवं पुरस्कार वितरण समारोह को अध्यक्षीय पद से संबोधित करते हुए संस्था अध्यक्ष प. पदम प्रकाश शर्मा ने कहा कि युवा पीढ़ी भारत का भविष्य है और जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय युवा केंद्र ‘बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ’ कार्यक्रम के तहत देवभूमि उत्तराखंड के द्वार से युवा पीढ़ी में प्रतिभाओं के विकास के लिए सरकार और समाज के साथ मिलकर संकल्पित भावना से कार्य कर रहा है। संस्था द्वारा संचालित कार्यक्रमों का व्योरा प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा ही राष्ट्र की शैक्षिक प्रगति का आधार है और एक बेटी के शिक्षित होने से कम से कम दो परिवारों का भविष्य उज्जवल बनता है। प्राथमिक स्तर की 11बालिकाओं को अंकपत्र के साथ ह

प्रेस क्लब के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने किया गंगा पूजन

 हरिद्वार। प्रेस क्लब रजि. हरिद्वार के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने हरकी पैड़ी पर गंगा पूजन कर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर नवनिर्वाचित प्रेस क्लब अध्यक्ष अमित शर्मा ने कहा कि नई कार्यकारिणी सभी पत्रकारों के हित के लिए कार्य करेगी। पत्रकारों की आवाज को शासन तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने सौहार्दपूर्ण चुनाव संपन्न होने पर सभी सदस्यों का आभार जताया। महासचिव डा.प्रदीप जोशी ने कहा कि जिस एजेंडे के साथ चुनाव लडा गया था उसका पालन किया जाएगा। प्रेस क्लब और पत्रकारों की समस्याओं को दूर करने के लिए नई कार्यकारिणी प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर संजय रावल,सुनील पाल,जोगेंद्र मावी,राहुल वर्मा, अमित गुप्ता,डा.रूपेश शर्मा,प्रतिभा वर्मा,गोपाल कृष्ण पटुवर,बालकृष्ण शास्त्री,सुनील दत्त पांडे, संजय आर्य,डा.शिवा अग्रवाल,धर्मेंद्र चौधरी,लव कुमार शर्मा,कुमकुम शर्मा,अविक्षित रमन आदि शामिल रहे। गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम ने सभी का पटका पहनाकर सभी पदाधिकारियों का स्वागत किया। 

आत्म शांति एवं सुखी जीवन के लिए ईश्वर की भक्ति करें-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

  हरिद्वार। रामनगर कालोनी स्थित श्री राधा रसिक बिहारी मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस की कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि सतयुग,त्रेतायुग,द्वापरयुग एवं कलयुग बीतने के बाद महाप्रलय होता है। पूरी पृथ्वी जलमग्न हो जाती है। जल के भीतर भगवान नारायण शयन कर रहे हैं। जब भगवान नारायण निंद्रा से जागते हैं चारों और जल ही जल दिखाई देता है तो भगवान नारायण के मन में एक से अनेक होने की इच्छा जागृत होती है और भगवान नारायण के संकल्प से उनकी नाभि से कमल पुष्प प्रकट होता है। कमल पुष्प के ऊपर चतुर्मुखी ब्रह्मा का प्राकट्य होता है। ब्रह्मा जी ने चारों और जल ही जल देखा। कुछ भी दिखाई नहीं देने पर वे  तपस्या करने बैठ गए। तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान नारायण ने ब्रह्मा को कहा कि मैंने आपको बनाया है। आप औरों को बनाओ सृष्टि का विस्तार करो। तब ब्रह्मा ने अपने संकल्प से सर्वप्रथम संकादिक चार ऋषियों  को उत्पन्न किया। उसके बाद ब्रह्मा ने मानसिक सृष्टि करते हुए भगवान रुद्र के साथ ही साथ कर्दम इत्यादि ऋषियों को उत्पन्न किया। दक्ष एवं नारद को भी ब्रह्मा ने अपने संकल्प

गोबिंदगढ़ धर्मशाला में धूमधाम से मनाया कृष्णावतार नंदमहोत्सव

 ः श्रीमद् भागवत कथा में हुआ कृष्णावतार नंदमहोत्सव का आयोजन हरिद्वार। उत्तरी हरिद्वार स्थित मंडी गोबिंदगढ़ में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कृष्णावतार नंदमहोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कृष्ण अवतार होते ही महिलाएं खुशी से झूम उठी और पूरा माहौल कृष्ण मय हो गया। श्रीमद् भागवत कथा प्रवक्ता देवी चित्रलेखा ने कृष्ण जन्म की कथा सुनाकर भक्तों को भाव विभोर कर दिया। कान्हा के जन्म के साथ कथा स्थल में नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की नंदलाल प्रकट भये आज बिरज में लाडुवा बंटे जैसे भजनों पर श्रद्धालु झूमने पर मजबूर हो गए। कथा प्रवक्ता देवी चित्रलेखा ने कृष्णावतार और नंद महोत्सव का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान के जन्म लेते ही योगमाया की प्रेरणा से कारागार खुल गया। भगवान ने इस धरा को दुष्टों से मुक्त कराने के लिए इस धरती पर जन्म लिया। नंद उत्सव का भी वर्णन किया गया। उन्होंने बताया कि जब तक भगवान श्रीकृष्ण वृंदावन में रहे तब तक भगवान श्रीकृष्ण ने चरण पादुका धारण नहीं की। एक बार मैया यशोदा ने कृष्ण से कहा कि कृष्ण तुम नंगे नंगे पैरों गौ चारण के लिए वन में जाते हो, तुम्हारे पैरों में कंकड़ पत्थर काटे चुभ

महिला कांग्रेस ने दी वरिष्ठ नेत्री बीना कपूर को श्रद्धांजलि

  हरिद्वार। महिला कांग्रेस ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर वरिष्ठ नेत्री एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार की उत्तराधिकारी स्वर्गीय बीना कपूर को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। लंबी बीमारी के बाद गत रविवार को बीना कपूर का स्वर्गवास हो गया था। महिला कांग्रेस की वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष रचना शर्मा के गोविंदपुरी स्थित आवास पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा के दौरान महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष डॉ.संतोष चौहान ने कहा ने कहा कि स्व.बीना कपूर कांग्रेस की स्तंभ और पार्टी की ऊर्जावान व निष्ठावान कार्यकर्ता थी। उन्होंने कांग्रेस सेवा दल, महिला कांग्रेस सहित मुख्य संगठन के विभिन्न पदों पर रहकर पार्टी को मजबूती प्रदान करने में लंबे समय तक योगदान किया। उनके आकस्मिक निधन से कांग्रेस पार्टी को अपूरणीय क्षति पहुंची है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे। श्रद्धांजलि सभा में डा.संतोष चौहान, महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष अंजू मिश्रा, महानगर अध्यक्ष लता जोशी, प्रदेश महिला कांग्रेस की महासचिव नलिनी दीक्षित,प्रदेश सचिव शशि झा,समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व सदस्य ग्रेस कश्यप,पूर्व प्रदेश सचिव सुमन अग्रवाल,जिला उपाध्यक्ष ब

धर्म के मार्ग पर चलने वाली की भगवान हमेशा रक्षा करते हैं-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

  हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी मंदिर रामनगर कालोनी ज्वालापुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने कौरव एवं पांडवों का चरित्र श्रवण कराते हुए राजा बताया कि द्रौपदी को जब समाचार मिला कि उसके पाँचों पुत्रों की हत्या अश्वत्थामा ने कर दी है। तब उसने आमरण अनशन कर लिया और कहा कि वह अनशन तभी तोड़ेगी, जब अश्वत्थामा के मस्तक पर सदैव बनी रहने वाली मणि उसे प्राप्त होगी। अर्जुन अश्वत्थामा को पकड़ने के लिए निकल पड़े। अश्वत्थामा तथा अर्जुन के मध्य भीषण युद्ध छिड़ गया। अश्वत्थामा ने अर्जुन पर ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया, इस पर अर्जुन ने भी ब्रह्मास्त्र छोड़ा। नारद तथा व्यास के कहने से अर्जुन ने अपने ब्रह्मास्त्र का उपसंहार कर दिया, किन्तु अश्वत्थामा ने पांडवों को जड़-मूल से नष्ट करने के लिए अभिमन्यु की गर्भवती पत्नी उत्तरा पर ब्रह्मास्त्र का वार किया।कृष्ण ने कहा कि उत्तरा को परीक्षित नामक बालक के जन्म का वर प्राप्त है। उसका पुत्र अवश्य ही जन्म लेगा। नीच अश्वत्थामा यदि तेरे शस्त्र-प्रयोग के कारण वह बालक मृत हुआ तो भी मैं उसे जीवनदान दूँगा। वह भूमि का सम्राट

श्रीमद्भागवत कथा श्रवण से जीवन में भक्ति ज्ञान,वैराग्य की प्राप्ति होती है

 हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी मंदिर रामनगर कॉलोनी ज्वालापुर में हिंदू नव वर्ष के पावन आगमन के शुभ अवसर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिवस पर भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से जीवन में भक्ति ज्ञान एंव वैराग्य की प्राप्ति होती है मन को परम शांति मिलती है। श्रीमद्भागवत कथा जीव का कल्याण करती है। यदि हम अपने पितरों के निमित्त श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन कराते हैं। तो हमारे समस्त पित्रों को मोक्ष की प्राप्ति श्रीमद्भागवत कथा अनुष्ठान के द्वारा हो जाती है। शास्त्री ने बताया की श्रीमद्भागवत में धुंधकारी का प्रसंग आता है धुंधकारी का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ परंतु कार्य उसके राक्षसों जैसे थे मरने के बाद प्रेत योनि में पहुंच गया धुंधकारी का भाई गोकर्ण को जब पता चला मेरा भाई धुंधकारी प्रेत योनि में है गोकर्ण ने श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ का आयोजन किया। जिस कथा के प्रभाव से धुंधकारी प्रेत योनि से मुक्त होकर भगवान के वैकुंठ लोक को प्राप्त हो गया। शास्त्री ने बताया कि जन्मपत्री में कैसा भी पितृदोष हो श्रीमद्भागवत कथा आयोजन करने से पित्र दोष से मुक्

श्री दक्षिण काली मंदिर में धूमधाम से मनायी गयी होली

 हरिद्वार। श्री दक्षिण काली मंदिर में धूमधाम और उल्लास के साथ होली मनायी गयी। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के संयोजन में विशेष अनुष्ठान का आयोजन भी किया गया। जूना अखाड़े सहित कई अखाड़ों के महामंडलेश्वर, संतों और भक्तों को अबीर गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भारत की पर्व संस्कृति पूरे विश्व को आकर्षित करती है। होली सनातन संस्कृति का महत्वपूर्ण पर्व है। जो बुराई पर अच्छाई और भक्ति की शक्ति का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि भगवान नारायण के अनन्य भक्त प्रह्लाद को मारने के अनेक यत्न किए गए। लेकिन प्रभु कृपा से उनका कोई अहित नहीं हुआ। अंत में प्रह्लाद की बुआ होलिका उसे गोद में लेकर अग्नि में बैठ गयी। लेकिन भगवान नारायण की कृपा से प्रह्लाद सकुशल रहे और होलिका जल गयी। प्रह्लाद के बच जाने की खुशी में लोगों ने रंग गुलाल उड़ाकर खुशीयां मनायी। तभी से प्रतिवर्ष फाल्गुन पूर्णिमा को होली मनाने की शुरूआत हुई। उन्होंने कहा कि रंगों और उमंगों के इस पर्व को प्रेम और आत्मीयता से मनाएं और दूसरों को भी अपनी खुशियों में शामिल

जीवन की एकरसता को दूरकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं होली के रंग -श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

संतों ने चरण पादुका मंदिर में खेली होली  हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में रंगों का त्योहार होली उल्लास व उत्साह के साथ धूमधाम से मनाया गया। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाओं और युवाओं ने खूब अबीर गुलाल उड़ाया और जमकर होली खेली। होली के उल्लास से संत भी अछूते नहीं रहे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज के संयोजन में निरंजनी अखाड़े में चरण पादुका मंदिर में आयोजित होली मिलन समारोह में संतों ने एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दी और राष्ट्र की खुशहाली की कामना की। कार्यक्रम में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी, आह्वान अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरूण गिरी,निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी,निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी,हनुमान घाट हनुमान मंदिर के महंत स्वामी रवि पुरी, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, स्वामी ऋषिश्वरानंद सहित अखाड़े के संतों ने होली खेलें मशाने मे, नगर में जोगी आया आदि गीतों पर जमकर नृत्य किया।इस अवसर पर सभी को होली की शुभकामनाएं देते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्