Skip to main content

आत्म शांति एवं सुखी जीवन के लिए ईश्वर की भक्ति करें-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

 


हरिद्वार। रामनगर कालोनी स्थित श्री राधा रसिक बिहारी मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस की कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि सतयुग,त्रेतायुग,द्वापरयुग एवं कलयुग बीतने के बाद महाप्रलय होता है। पूरी पृथ्वी जलमग्न हो जाती है। जल के भीतर भगवान नारायण शयन कर रहे हैं। जब भगवान नारायण निंद्रा से जागते हैं चारों और जल ही जल दिखाई देता है तो भगवान नारायण के मन में एक से अनेक होने की इच्छा जागृत होती है और भगवान नारायण के संकल्प से उनकी नाभि से कमल पुष्प प्रकट होता है। कमल पुष्प के ऊपर चतुर्मुखी ब्रह्मा का प्राकट्य होता है। ब्रह्मा जी ने चारों और जल ही जल देखा। कुछ भी दिखाई नहीं देने पर वे  तपस्या करने बैठ गए। तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान नारायण ने ब्रह्मा को कहा कि मैंने आपको बनाया है। आप औरों को बनाओ सृष्टि का विस्तार करो। तब ब्रह्मा ने अपने संकल्प से सर्वप्रथम संकादिक चार ऋषियों  को उत्पन्न किया। उसके बाद ब्रह्मा ने मानसिक सृष्टि करते हुए भगवान रुद्र के साथ ही साथ कर्दम इत्यादि ऋषियों को उत्पन्न किया। दक्ष एवं नारद को भी ब्रह्मा ने अपने संकल्प से उत्पन्न किया। जब सृष्टि का विस्तार नहीं हो रहा था तब ब्रह्मा ने सर्वप्रथम मनु एवं सतरूपा को उत्पन्न किया। मनु सतरूपा के द्वारा ही मनुष्यों की सृष्टि आगे बढ़ी। शास्त्री ने बताया कि मनु महाराज की आकूति,देवहूति एवं प्रसूति तीन कन्याओं का वर्णन भागवत में आता है। सबसे बड़ी बिटिया देवहूति का विवाह कर्दम मुनि के साथ संपन्न होता है। कर्दम मुनि की नौ कन्याओं का विवाह नौ ऋषियों के साथ संपन्न होने के बाद कर्दम मुनि के यहां भगवान कपिल देव का जन्म होता है। कपिल देव ने अपनी मां देवहूति को नवधा भक्ति का ज्ञान दिया है। कथा में मुख्य यजमान दीप्ति भारद्वाज,मनोज भारद्वाज,अखिलेश भारद्वाज,सुनीता भारद्वाज,बीना शर्मा,हरि नारायण शर्मा,कल्पना ठाकुर,बॉबी,कनक ठाकुर,रीना जोशी,कमलेश अरोड़ा ,रोजी अरोड़ा,अनु शर्मा,रिंकू शर्मा,मोनिका विश्नोई,कल्पना शर्मा,जूही शर्मा, शिक्षा राणा,शीतल मलिक,रश्मि गोस्वामी,शिमला उपाध्याय,राजू,रिंकी भट्ट,संध्या भट्ट,विमल भट्ट, पुष्पा सेठ,मुखारी देवी सहित बड़ी संख्या श्रद्धालु मौजूद रहे। 


Comments

Popular posts from this blog

गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।