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गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप है-श्रीमहंत रामरतन गिरी

 हरिद्वार। निरंजनी अखाड़े में गुरू पूर्णिमा पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि 3 जुलाई को अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज के संयोजन में गुरू पूर्णिमा पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। गुरू पूर्णिमा पर्व पर चरण पादुका मंदिर में विशेष आयोजन किया जाएगा, जहां बड़ी संख्या में भक्त श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज एवं अखाड़े के अन्य संतों का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि गुरू पूर्णिमा गुरू के प्रति श्रद्धा व आस्था प्रकट करने का सनातन धर्म का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। गुरू के प्रति श्रद्धा व आस्था रखने से गुरू कृपा की प्राप्ति होती है। ईश्वर रूपी गुरू की कृपा से शिष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं और प्रत्येक कार्य में सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि सभी को सद्गुरू के सानिध्य में प्राप्त ज्ञान के अनुसार जीवन व्यतीत करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। 

आध्यात्मिक चेतना जगाने और शिक्षा क्षेत्र में भी अखाड़े का अहम योगदान -श्रीमहंत रविंद्रपुरी

धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए संत समाज को एकजुट होना होगा-श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह  हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म व अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करने के साथ देश को सांस्कृतिक रूप से एकजुट करने में संत महापुरूषों ने हमेशा अहम भूमिका निभाई है। कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में सभी तेरह अखाड़ों के संतों के सानिध्य में आयोजित संत समागम को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार के साथ आमजन में आध्यात्मिक चेतना जगाने और शिक्षा क्षेत्र में भी अखाड़े का अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत हैं। विभिन्न सेवा प्रकल्पों के साथ मानव कल्याण में किया जा रहा उनका योगदान स्मरणीय है। अखाड़ा परिषद के महामंत्री एवं श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा स्थापित अखाड़ा परंपरा में श्री पंचाय

विश्व भर के चौबीस लाख घरों में गायत्री यज्ञ सम्पन्न

 गायत्री परिवार प्रमुखद्वय द्वारा शांतिकुंज से हुआ शुभारंभ हरिद्वार। विश्व कल्याण एवं वसुधैव कुटुंबकम के भाव से अखिल विश्व गायत्री परिवार का आध्यात्मिक प्रयोग के अंतर्गत गृहे-गृहे गायत्री महायज्ञ का आयोजन बुद्ध पूर्णिमा को सम्पन्न हुआ। वैश्विक स्तर पर चौबीस लाख से अधिक घरों में औषधीय जड़ी-बूटी के साथ गायत्री यज्ञ में आहुतियाँ डाली गयी। यह कार्यक्रम प्रातः नौ बजे से एक साथ-एक समय में शुभारंभ हुआ। इसका शुभारंभ अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डॉ.प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी के गायत्री तीर्थ में दीप प्रज्वलन से हुआ। अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ.प्रणव पण्ड्या ने कहा कि इन दिनों वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संकट सहित अनेक समस्याएँ हैं। उन्होंने कहा कि विश्व शांति एवं विश्व कल्याण के लिए देश-विदेश के गायत्री साधकों ने अपने-अपने घरों में एक साथ-एक समय में गायत्री यज्ञ सम्पन्न किया। यज्ञ के माध्यम से हम अपनी आहुति ब्रह्माण्ड को देते हैं। सामूहिक रूप से किये गये आध्यात्मिक अनुष्ठान प्राणी मात्र के लिए संजीवनी की तरह होती है। संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने

हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान के पश्चात उत्तराखंड भ्रमण पर रवाना हुई बाबा विश्वनाथ मां जगदीशीला डोली यात्रा

 हरिद्वार। बाबा विश्वनाथ मां जगदीशीला डोली यात्रा के हरकी पैड़ी पहुंचने पर भारी बारिश के बावजूद तीर्थ पुरोहितों एवं भक्तों ने हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया। भारत माता मंदिर के श्रीमहंत एवं निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज के संयोजन में हर की पैड़ी पर गंगा स्नान के पश्चात पूजा अर्चना कर देव डोलियों को उत्तराखंड भ्रमण के लिए रवाना किया गया। इस अवसर पर डोली यात्रा के आयोजक पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि बाबा विश्वनाथ मां जगदीशीला डोली यात्रा संपूर्ण उत्तराखंड को धार्मिक, सांस्कृतिक एकता के सूत्र में पिरोने और धर्म जागरण का कार्य कर रही है। विगत 23 वर्षों से यह क्रम निरंतर चल रहा है। उन्होंने बताया कि स्वामी रामतीर्थ एवं महर्षि वशिष्ठ की तपोभूमि विशौन पर्वत टिहरी गढ़वाल से निकलने वाली बाबा विश्वनाथ मां जगदीशीला डोली यात्रा का उद्देश्य प्राचीन देव स्थलों, भूले बिसरे तीर्थ स्थानों को जागृत करना है। स्वामी ललितानंद गिरी ने कहा कि अगले वर्ष डोली यात्रा की रजत जयंती धूमधाम से मनायी जाएगी। उन्होंने कहा कि रजत जयंती वर्ष में डोली यात्रा को हरिद्वार में ह

सांसद निशंक ने लिया श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज से आशीर्वाद

 हरिद्वार। पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल पहुंचकर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज से आशीर्वाद लिया। अखाड़े के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज एवं अखाड़े की एक्कड़ कला शाखा के महंत अमनदीप सिंह महाराज व अन्य संतों ने फूलमाला पहनाकर डा.रमेश पोखरियाल निशंक का स्वागत किया। डा.निशंक को आशीर्वाद प्रदान करते हुए श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि धर्मसत्ता और राज सत्ता के सम्मिश्रण से ही भारत विश्व गुरू की पदवी पर आसीन होगा। उन्होंने कहा कि डा.निशंक का संत समाज के प्रति भक्ति भाव प्रशंसनीय है। डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति विश्व में अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि धर्म संस्कृति के संरक्षण में श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल का सदैव अहम योगदान रहा है। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि श्री महंत ज्ञानदेव सिंह महाराज के नेतृत्व में श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल धर्म के प्रचार प्रसार के साथ मानव सेवा में भी योगदान कर रहा है। इस अवसर पर महंत अमनदीप सिंह,महंत जसकरण सिंह,महंत खेम सिंह,महंत निर्भय सिंह,महंत बलवीर

कनखल में भी बद्रीनाथ धाम की तरह खुले बद्रीश पंचायत के कपाट

 रामचरितमानस के अखंड पाठ के समापन पर किया गया बद्रीश पंचायत का पूजन,  हरिद्वार। जिस तरह से उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित भगवान बद्रीनाथ धाम मंदिर के कपाट हर साल श्रद्धालुओं के लिए गंगासप्तमी के दिन खोले जाते हैं, उसी तरह से हरिद्वार कनखल में भी बद्रीश पंचायत के कपाट गंगा सप्तमी के दिन है पूरे वैदिक विधि विधान के साथ खोले जाते हैं। गंगा सप्तमी के दिन बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ-साथ कनखल में गंगा तट पर स्थित राजघाट में बद्रीश पंचायत के कपाट पूरे विधि विधान के साथ खोले गए और इस अवसर पर श्रीरामचरितमानस का अखंड पाठ आयोजित किया गया और जिसका आज समापन हुआ। उसी के साथ भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने के बाद कनखल के बद्रीश पंचायत के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए इस तरह भगवान शंकर की ससुराल कनखल में श्री नारायण साक्षात विराजते हैं। बद्रीश पंचायत मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित गजेंद्र जोशी ने बताया कि हर साल बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ कल ही कनखल के राजघाट में गंगा तट पर बद्रीश पंचायत मंदिर के कपाट विधि विधान से खोले जाते हैं और जो प्रसाद बद्रीनाथ धाम में भगवान श्री नारायण को लगा

स्वामी अरूण गिरी बनेंगे आह्वान अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर

  हरिद्वार। शनिवार को सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के सानिध्य में महामंडलेश्वर स्वामी अरूण गिरी महाराज को श्रीपंच दशनाम आह्वान अखाड़े का आचार्य महामंडलेश्वर के पद पर विभूषित किया जायेगा। शनिवार को होने वाले पट्टाभिषेक समारोह में संत महापुरूष तिलक चादर प्रदान कर स्वामी अरूण गिरी का आचार्य महामंडलेश्वर पद पर अभिषेक करेंगे। जानकारी देते हुए आह्वान अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत सत्यगिरी महाराज ने बताया कि पट्टाभिषेक कार्यक्रम में सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। श्रीमहंत सत्यगिरी ने कहा कि सनानत धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में अखाड़ों की अहम भूमिका है। स्वामी अरूण गिरी महाराज विद्वान संत हैं। उनके आचार्यत्व में श्री पंच दशनाम आह्वान अखाड़ा आगे बढ़ेगा और सनातन धर्म संस्कृति के उत्थान में योगदान करेगा। महामंडलेश्वर स्वामी अरूण गिरी महाराज ने कहा कि सभी संत उनके लिए पूज्यनीय हैं। जो जिम्मेदारी आह्वान अखाड़े द्वारा उन्हें सौंपी जा रही है,संत महापुरूषों के सहयोग से जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान करेंगे। इस दौरान सभापति श्री

कलश शोभायात्रा के साथ होगा श्रीराम कथा का शुभारंभ

 हरिद्वार। शुक्रवार से सुभाषनगर में आयोजित की जा रही श्रीराम कथा के शुभारंभ से पूर्व श्रद्धालु भक्तों द्वारा भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। आयोजन समिति की किरण सिंह ने बताया कि लोक कल्याण की कामना के साथ सुभाषनगर वासियों द्वारा संयुक्त रूप से कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा व्यास रामलोचन पाराशर श्रद्धालुओं को भगवान श्रीराम के आदर्श चरित्र से अवगत कराएंगे। किरण सिंह ने बताया कि कथा का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा से किया जाएगा। कथा के शुभारंभ पर विधायक मदन कौशिक, शिवालिकनगर नगर पालिका अध्यक्ष राजीव शर्मा,कांग्रेस नेता डा.संजय पालीवाल, महेश प्रताप राणा, मुरली मनोहर, समाजसेवी डा.विशाल गर्ग,पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रदीप चैधरी सहित अनेक गणमान्य लोग शामिल होंगे। किरण सिंह ने बताया कि आयोजन समिति में जगदीश रावत, हेमराज सैनी, सुशील सैनी, सुरेंद्र कुमार, सुरेंद्र ठाकुर, सचिन शर्मा, डा.हरविन्दर सिंह, पवन परिहार, जगदीश जोशी, प्रदीप सैनी, रमेश कुमार, सुन्दरलाल सैनी, जसवीर सैनी, संजीव वर्मा, कृष्णा शर्मा, रीना यादव आदि शामिल हैं। किरण सिंह ने सभी से कथा में सम्मिलित होने की अपील करते हुए कहा कि मर्यादा पुरू

श्रद्धा व उल्लास के साथ मनायी गयी महाशिवरात्रि

  हरिद्वार। महाशिवरात्रि पर्व धर्मनगरी में श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। श्रद्धालु भक्तों ने विभिन्न मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक किया और सुख समृद्धि की कामना की। दक्ष महादेव, बिल्केश्वर महादेव, दरिद्र भंजन, दुख भंजन, तिलभांडेश्वर, नीलेश्वर महादेव मंदिर आदि पौराणिक शिवालयों में जलाभिषेक के लिए दिन भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। जलाभिषेक के लिए मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन की और व्यापक इंतजाम किए गए थे। महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सहायता के लिए महिला पुलिसकर्मियों को भी मंदिरों में तैनात किया गया था। पौरिाणक मंदिरों के अलावा विभिन्न कालोनियों व मौहल्लों में स्थित शिव मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने औधड़दानी शिव का जलाभिषेक किया। पौराणिक नीलेश्वर महादेव मंदिर के परमाध्यक्ष महंत प्रेमदास महाराज ने सभी को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जलाभिषेक से ही प्रसन्न हो जाने वाले भगवान शिव श्रद्धालु भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम अवसर है। शिवरात्रि पर पूर्ण विधि

शिवपूजा के लिए विशेष फलदायक शिवलिंग अभिषेक गंगाजल से पुराण सम्मत

 हरिद्वार। पंडित हिमांशु द्विवेदी। शिव पूजा के लिए शिवलिंग विशेष फलदायक माना गया है। शिव पुराण के अनुसार अपनी लिंगमूर्ति के अभाव में अन्य किसी भी लिंगमूर्ति की पूजा का विधान है। अर्थात प्रत्येक वर्ण प्रत्येक शिवलिंग पर पूजा कर सकता है। मंदिर में प्रतिष्ठित शिवलिंगों पर सब का समान अधिकार है। ज्ञात रहे की शिवलिंग परब्रह्म का प्रतीक ज्योतिर्लिंग है। शिव पूजा में जल और बेल पत्रो का विशेष स्थान है। सर्ग के आदि में विश्व संभव अंडा एवं ज्योतिर्लिंग यह दोनों कारण सलिल या क्षीरसागर में उत्पन्न हुए। सर्गारंभ में जल का स्वरूप क्षीर के समान माना गया है। और इसी कारण सलिल से सृष्टि की उत्पत्ति हुई है। पुराणों के अनुसार गंगा अवतरण रुद्र की जटाओं मे हुआ था। इस व्रत की स्मृति के लिए और जल विशेष रीतिओं में उपयोग द्वारा सर्वव्याधिनाशक और तृप्तिकारक होने से सर्र्वऔषधी स्वरूप है। और फिर गंगाजल भुक्ति मुक्ति का देने वाला है। शिवपुराण रुद्र संहिता मे इसका उल्लेख है कि शिवमूर्ति पर जल की धारा ज्वर प्रलाप आदि रोग शांति के लिए सुख देने वाली है। गंगा जल की धारा भुक्ति और मुक्ति दोनों देने वाली है। अतः भक्त अपनी

देश को एकता के सूत्र में बांधने में संत महापुरूषों की अहम भूमिका-श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

  हरिद्वार। मिस्सरपुर स्थित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित संत समागम के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय अखाड़़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि संत महापुरूषों ने समाज का मार्गदर्शन करने के साथ देश को एकता के सूत्र में बांधने में सदैव अहम भूमिका निभायी है। संतों के सानिध्य में आने वाले भक्त का कल्याण अवश्य होता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि और हरिद्वार संतों की नगरी है। संतों द्वारा हरिद्वार से प्रसारित आध्यात्मिक संदेशों से पूरी दुनिया को मार्गदर्शन प्राप्त होता है। सभी को धर्म व अध्यात्म के मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। मंदिर के परमाध्यक्ष महंत विनोद गिरी महाराज ने कहा कि निर्मल जल के समान जीवन व्यतीत करने वाले संत महापुरूषों ने सदैव देश व समाज को नई दिशा प्रदान की है। उन्होंने कहा कि स्वयं भू शिवलिंग सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन व पूजन के लिए आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं भगवान शिव पूरी करते हैं। भगवान शिव की कृपा से कष्टों से मुक्त

बालक के प्रथम गुरू हैं माता पिता-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

 हरिद्वार। श्री राधे श्याम संकीर्तन मंडली के तत्वाधान में रामनगर कॉलोनी ज्वालापुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस पर कथा व्यास श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के संस्थापक भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने कथा गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि गुरु के ज्ञान नहीं प्राप्त हो सकता है और बिना ज्ञान के हम कोई भी कार्य नहीं किया जा सकता है। माता पिता बालक के प्रथम गुरू हैं। माता पिता द्वारा बाल्यकाल से ही बच्चों को जो सिखाया समझाया जाता है, बच्चे वही अपने मन में धारण कर लेते हैं। इसलिए माता पिता को बच्चों को अच्छी शिक्षा और अच्छे संस्कार देने चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि जो माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा, अच्छे संस्कार नहीं दे पाते हैं। वह माता-पिता बच्चों के शत्रु हैं। माता पिता के बाद स्कूल कालेज में शिक्षा देने वाले शिक्षक बालक के द्वितीय गुरू हैं। शिक्षकों द्वारा दी गयी शिक्षा से ही हम ऊंचे पद पर पहुंचते हैं। इसके अलावा आध्यात्मिक ज्ञान देने वाले दीक्षा गुरू से प्राप्त ज्ञान से ही  हम असत्य से सत्य की ओर अंधकार से प्रकाश की ओर मृत्यु से अ

त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थी बिंदु गिरी-श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

 हरिद्वार। मां मनसा देवी मंदिर की ट्रस्टी बिंदु गिरी का बुधवार को निधन हो गया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज के सानिध्य में उन्हें चण्डीघाट समाधि स्थल पर भू समाधि दी गयी। बिदु गिरी पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थी। उनके आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि मुदुभाषी, कुशल व्यवहार की धनी बिंदु गिरी त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थी। उनका आकस्मिक निधन समाज के लिए गहरी क्षति है। मनसा देवी मंदिर के विकास व मंदिर में आने दर्शन पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा उपलब्ध कराने में उन्होंने अहम योगदान किया। म.म. स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि बिंदु गिरी महान पुण्यात्मा थी। मनसा देवी मंदिर के विकास में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी राज गिरि एवं अनिल शर्मा तथा समाजसेवी प्रदीप शर्मा ने दुख प्रकट व्यक्त करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन बिंदु गिरि सदैव श्रद्धालु भक्तों को सुविधाएं दिलाने के लिए ट्रस्ट में अपनी बात रखती थी। उनका हमेशा प्रया

धूमधाम से मनायी गयी रविदास जयंती

  हरिद्वार। अखिल भारतीय संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास मिशन गद्दी ऊण शुक्रताल धाम के तत्वाधान व सतगुरु स्वामी समनदास सत्संग समिति मोहल्ला कड़चछ के संयोजन में श्री गुरु रविदास महाराज की 646वीं जयंती ज्वालापुर स्थित श्री गुरु रविदास घाट पर धूमधाम से मनाई गई। मिशन के कार्यवाहक अध्यक्ष सतगुरु स्वामी समनदास महाराज के परम शिष्य संत श्री गुरु सतपाल दास महाराज ने श्रद्धालुजनों को संबोधित करते हुए कहा कि सतगुरु रविदास महाराज ने समानता का संदेश दिया। मानव को चेताया है सभी मानव एक समान हैं, कोई ऊंचा नीचा या छोटा बड़ा नहीं है। उन्होंने कहा कि मिशन देश दुनिया में गुरू रविदास महाराज की शिक्षाओं का प्रचार कर रहा है। लोगों को बुराईयों का परित्याग कर सात्विक जीवन जीने और समाज कल्याण में योगदान करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। मुख्य अतिथि राज्य अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य श्यामल कुमार ने कहा कि संत शिरोमणी गुरू रविदास महाराज की शिक्षाएं व विचार अनंतकाल तक प्रासंगिक रहेंगे। सभी को उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करना चाहिए। डा.भीमराव अंबेडकर जन सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

प्रख्यात चिकित्सक श्रीनिरंजनी पीठाधीश्वर से दीक्षा लेकर बनेंगे महामण्डलेश्वर

 हरिद्वार। उज्जैन के प्रख्यात चिकित्सक डा.सुमन संन्यास दीक्षा लेने के पश्चात महामण्डलेश्वर डा.सुमन गिरी के रूप में जाने जाएंगे। 14 जनवरी को उज्जैन में निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी डा.सुमन को सन्यास दीक्षा देंगे। सन्यास दीक्षा के उपरांत सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के सानिध्य में उन्हें महामण्डलेश्वर की उपाधि प्रदान की जाएगी। श्री दक्षिण काली मंदिर में जानकारी देते हुए निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने बताया कि डा.सुमन उज्जैन के प्रख्यात चिकित्सक हैं। निरंजनी अखाड़े के संत के रूप में उन्हें सन्यास दीक्षा देकर अखाड़े के महामण्डलेश्वर की उपाधि प्रदान की जाएगी। सन्यास दीक्षा के उपरांत उन्हें महामण्डलेश्वर स्वामी डा.सुमन गिरी के रूप में जाना जाएगा। स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि निरंजनी अखाड़े के महामण्डलेश्वर के रूप में स्वामी डा.सुमन गिरी सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान करेंगे। स्वामी कैलाशानंद गिरी के शिष्य स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी महाराज ने बताया कि 1 जनवरी को आचार्य महाण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद

रूद्रांश जनसेवा समिति ने बच्चों को बांटे स्वेटर

  हरिद्वार। रूद्रांश जनसेवा समिति की अध्यक्षा रजनी वालिया ने टीम के साथ बैरागी कैम्प स्थित झुग्गी बस्ती के बच्चों को स्वेटर वितरित किए। इस अवसर पर रजनी वालिया ने कहा कि मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। सर्दी शुरू हो गयी है। ऐसे में झुग्गी बस्ती में रहकर व मजदूरी कर परिवार का गुजर बसर करने वाले लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। इसको देखते हुए रूद्रांश जनसेवा समिति की बैठक में सर्दी से बचाव के लिए बच्चों को स्वेटर वितरित करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि बस्ती के सैकड़ों बच्चों को स्वेटर के साथ बिस्कुट, टाफी आदि भी वितरित की गयी। जनसेवा का यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। कुलदीप वालिया ने कहा कि गरीब असहाय निर्धन परिवारों के उत्थान में सभी को अपना सहयोग देना चाहिए। मलिन बस्तियों कालोनियों में रह रहे बच्चों की शिक्षा के लिए मिलजुल कर प्रयास करने होंगे। समान रूप से सभी को शिक्षा के अवसर प्राप्त हों। जिससे समाज का प्रत्येक तबका तरक्की कर सके। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील करते हुए कहा कि बालक बालिकाओं के लिए शिक्षा के अवसर दिए जाएं। जिससे वह समाज में सम्मान का जीवन व्यतीत कर सके

विधायक रवि बहादुर ने बच्चों संग मनाया बाल दिवस

  हरिद्वार। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर ज्वालापुर विधायक रवि बहादुर और पार्षद दीपिका बहादुर ने स्कूली बच्चों और अनाथाश्रम के बच्चों के साथ बाल दिवस धूमधाम से मनाया। उन्होंने ग्राम दादूपुर गोविंदपुर स्थित बाल कुंज में अनाथ बच्चों को स्टेशनरी वितरित की और ग्राम तेलपुरा स्थित देवभूमि शिक्षा सदन कन्या हाई स्कूल में बच्चों को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर विधायक रवि बहादुर ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री को बच्चे बहुत पसंद थे और बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहते थे। पंडित नेहरू आजादी के आंदोलन और उसके बाद देश की खुशहाली में अहम भूमिका निभाई। विधायक ने कहा कि बच्चों को जैसी शिक्षा मिलेगी वैसा ही समाज और देश बनेगा। अच्छी शिक्षा से ही देश तरक्की करेगा। उन्होंने कहा कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है। जिसमे सभी धर्म, जाति, वर्ग का सम्मान किया जाता है। देश की एकता, अखंडता को बनाए रखना सभी का दायित्व है। पार्षद दीपिका बहादुर ने कहा कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं। बच्चों का मन बहुत कोमल होता ह

धर्म के मार्ग पर चलने वालों का हमेशा कल्याण होता है-स्वामी ऋषि रामकृष्ण

 हरिद्वार। निर्ध्रन निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि धर्म के मार्ग पर चलने वालों का हमेशा कल्याण होता है। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि सनातन धर्म सच्चाई के मार्ग का अनुसरण करने का संदेश देता है। भगवान राम व श्रीकृष्ण ने धर्म के मार्ग पर चलते हुए बुराईयों को समाप्त करने का मार्ग दिखाया। हिंदू धर्म शास्त्रों में मानव सेवा को ईश्वर पूजा के समान बताया गया है। इसलिए सभी को धर्मानुसार आचरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदैव परोपकार के लिए समर्पित रहने वाले संत महापुरूष भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। गौ गंगा गायत्री के प्रति समर्पित ब्रह्मलीन स्वामी केशवानंद महाराज ने संत परंपरांओं का पालन करते हुए हमेशा ही समाज को नई दिशा प्रदान की। स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ब्रह्मलीन स्वामी केशवानंद महाराज द्वारा शुरू किए गए सेवा प्रकल्पों का विस्तार करते हुए समाज के जरूरतमंदों की सेवा में अनुकरणीय योगदान कर रहे हैं। 

श्रीमहंत रविन्द्रपुरी ने गंगोत्री से आए पवित्र गंगाजल को पशुनाथ धाम रवाना किया

 गंगा भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की पहचान है-श्रीमहंत रविन्द्रपुरी हरिद्वार। गंगोत्री से पवित्र गंगा जल कलश लेकर आए गंगोत्री धाम के रावल शिवप्रकाश महाराज बुधवार को नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मंदिर के लिए रवाना हुए। गंगोत्री धाम के रावल शिवप्रकाश मंगलवार की देर शाम गंगोत्री से पवित्र गंगा जल कलश लेकर हरिद्वार पहुंचे थे। निरंजनी अखाड़े में रात्रि विश्राम के बाद बुधवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज, निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज,महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने चरण पादुका मंदिर परिसर स्थित मां मनसा देवी मंदिर में पूजा अर्चना के पश्चात जल कलश को नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मंदिर के लिए रवाना किया। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि गंगा भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की पहचान है। उन्होंने कहा कि गंगोत्री धाम से लाए गए पवित्र गंगा जल से नेपाल स्थित पशुपति नाथ मंदिर में पूरे साल भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया जाता है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने बताया कि पवित्र जल कलश

उत्तराखण्ड भ्रमण के बाद मायादेवी पहुंची पवित्र छड़ी,

 हरिद्वार। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी बुधवार को अपनी उत्तराखंड की धार्मिक यात्रा पूरी कर वापस माया देवी मंदिर जूना अखाड़ा में विश्राम के लिए पहुंच गई है। ज्ञात रहे जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरी गिरी महाराज के निर्देशन में तथा राष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरी महाराज के नेतृत्व में पवित्र छड़ी यात्रा गत 9 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा माया देवी मंदिर से पूजा अर्चना कर रवाना की गई थी। श्रीमहंत हरी गिरी महाराज ने बताया लगभग एक सौ नागा सन्यासियों के जत्थे के साथ रवाना हुई पवित्र छड़ी गढ़वाल मंडल में यमुनोत्री,गंगोत्री,केदारनाथ,त्रिजुगी नारायण, लाखामंडल,बद्रीनाथ,उखीमठ,तुंगनाथ महादेव,गणानाथ तीर्थ,कर्णप्रयाग होते हुए कुमाऊं मंडल में पहुंची। जहां बागेश्वर,बैजनाथ धाम,जागेश्वर धाम,कौसानी एरानाथ महादेव,खड़केश्वर महादेव, थराली सोमेश्वर महादेव,जीवी जलेश्वर महादेव,माता पूर्णागिरि,माता नैना देवी, हंसेश्वर महादेव से नारायण आश्रम,ओम पर्वत के दर्शनों के पश्चात हाट काली मंदिर गंगोलीहाट,पाताल भुवनेश्वर,दूणागिरी मंदिर,काली मंदिर रानीखेत,बिनसर महादेव बूढा के