हरिद्वार। छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी की टीम ने हरिद्वार में सात दर्ज कराए हैं। चार मुकदमे सिडकुल, एक बहादराबाद, एक कनखल और एक लक्सर में दर्ज हुआ है। छह सालों में छह संस्थानों को 31 करोड़ से अधिक दिए गए हैं। आरोप है कि संस्थानों ने फर्जी दाखिला दिखाकर समाज कल्याण विभाग से मिली छात्रवृत्ति की राशि डकार ली। पुलिस ने मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसआईटी इंचार्ज मंजूनाथ टीसी के मुताबिक हरिद्वार के अलावा बाहरी राज्यों ने भी हरिद्वार के बच्चों का अपने कॉलेज में दाखिला दिखाकर करोड़ों रुपये हड़पे हैं। सोमवार को टीम ने सिडकुल में त्रिवेणी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एजुकेशन मेरठ बागपत, अभिनव सेवा संस्थान महाविद्यालय राजीवपुरम कानपुर यूपी, कृष्णा प्राइवेट आईटीआई विलेज कमालपुर छुटमलपुर मुजफ्फराबाद सहारनपुर और मिलेनियम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सहारनपुर के खिलाफ केस दर्ज कराया है। ये मुकदमे सिडकुल में दर्ज किए गए हैं। सिडकुल स्थित समाज कल्याण विभाग के मुख्यालय से ही चारों को करोड़ों रुपए जारी किए गए थे। वहीं कनखल में जगजीतपुर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी और बहादराबाद में सिंघानिया युनिवर्सिटी पिलानी झुझनू राजस्थान तथा हेमलता इंस्टीट्यूट निकट क्रिस्टल वर्ल्ड के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि संस्थानों ने फर्जी दाखिला दिखाकर करोड़ों रुपये का गबन किया। वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के बीच त्रिवेणी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एजुकेशन मेरठ बागपत को 12.14 करोड़, मिलेनियम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सहारनपुर को 6.69 करोड, अभिनव सेवा संस्थाना महाविद्यालय राजीवपुरम कानपुर यूपी को 5.48 करोड़, कृष्णा प्राइवेट आईटीआई विलेज कमालपुर छुटमलपुर मुजफ्फराबाद सहारनपुर को 5.42 करोड़, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी जगजीतपुर कनखल को 50 लाख और सिंघानिया यूनिवर्सिटी पिलानी झुझनू राजस्थान और बहादराबाद स्थित हेमलता इंस्टीट्यूट निकट क्रिस्टल वर्ल्ड को 50 लाख रुपये छात्रवृत्ति के नाम पर दिए गए हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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