ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन हो रही 34दिवसीय श्रीराम कथा में आज राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव,चंपत राय का आगमन हुआ।संत श्री मुरलीधर जी के पावन मुख से हो रही श्रीराम कथा में आज स्वामी चिदानन्द सरस्वती और चंपत राय का पावन सान्निध्य ,उद्बोधन व आशीर्वाद प्राप्त हुआ।श्रीराम कथा,निरंतर धर्म,भक्ति और संस्कृति का अलख जगा रही है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा चंपत राय वर्षों से राष्ट्र,धर्म और संस्कृति के संरक्षण हेतु समर्पित भाव से कार्यरत हैं। उनका चरित्र किसी पुस्तक के पृष्ठों में सिमटी हुई कोई कहानी नहीं,बल्कि ऐसा प्रकाशस्तंभ है जो हर युग में हर पीढ़ी को नैतिकता, मर्यादा और कर्तव्य का मार्ग दिखाता है।उनके जीवन की इस पाठशाला में सेवा है,समर्पण है,त्याग है,सत्य है और धर्म का अद्भुत संतुलन है। श्रीराम ने जीवन के हर रिश्ते को पूरी निष्ठा और उत्तरदायित्व से निभाया। उन्होंने पिता के वचन की रक्षा के लिए राज्य और वैभव का त्याग किया,भाई के प्रति प्रेम और सम्मान की उच्चतम सीमा तय की, और एक राजा होकर भी शबरी,निषाद और वनवासियों से आत्मीय संबंध जोड़े। श्री राम जी के जीवन की सबसे बड़ी शिक्षा यह है...
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