हरिद्वार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई प्रहलाद मोदी ने कहा कि आज मुस्लिम समाज के लोग भी चाहते हैं कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बने। भगवान की इच्छा होगी तो मंदिर अवश्य बनेगा। धर्मनगरी में स्लॉटर हाउस बनाना या न बनाना सरकार का काम है। यदि कोई भवन बनने से किसी का भला होता है तो इसका विरोध बेमानी है। प्रह्लाद मोदी गुरुवार को दिल्ली से ऋषिकेश जाते समय अल्प विश्राम के लिए डामकोठी में ठहरे थे। बताया वह ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में अहमदाबाद गुजरात के संत के प्रवचन में शामिल होने जा रहे हैं। अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने और मंदिर बनने के सवाल पर कहा अब तो मुस्लिम समाज के लोग भी चाहते हैं अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर बने। यदि प्रभु की ऐसी इच्छा है तो मंदिर अवश्य बनेगा। एक सवाल पर उन्होंने कहा नरेंद्र मोदी परिवार और घर की सीमाओं से परे हो चुके हैं। सवा करोड़ देशवासी उनके भाई, बहन, माता पिता हैं। हरिद्वार में सरकार के स्लॉटर हाउस बनाने के निर्णय और भाजपा के कई विधायकों के विरोध के सवाल पर उनका जवाब था कि वह गैर राजनीतिक व्यक्ति हैं। स्लॉटर हाउस बनाना या न बनाना सरकार का काम है। अगर किसी भवन के बनने से लोगों का भला होता है उसका विरोध बेमानी है। यदि कोई विरोध करता है तो इसका कारण वही जानें। इस दौरान मुस्लिम समाज और अन्य लोगों ने उनका फूल माला और बुके देकर स्वागत किया। उन्होंने कहा उनके लिए हिंदू मुसलमान सब बराबर है। स्वागत करने वालों में राष्ट्रीय जनमंच के मंत्री अश्वनी मुद्गल, मंच के सहारनपुर जिलाध्यक्ष कारी शमशाद, मोहम्मद नईम मलिक, ध्रविश चैधरी, ज्वालापुर के नाजिम सलमानी, दीपक राणा, सचिन चैधरी, भाजपा नेता और पूर्व जिला उपाध्यक्ष नरेश शर्मा, काजी चांद, संदीप मुद्गल, अमन मुद्गल आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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