हरिद्वार। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति रजि. की उछाली आश्रम में हुई बैठक में प्रदेश के तमाम जनपदों से आए कार्यकर्ताओं ने स्व.जेपी पाण्डे को श्रद्धांजलि अर्पित की। बैठक में तय किया गया कि स्व.जेपी पाण्डे के निधन से रिक्त हुए समिति के अध्यक्ष पद पर चुनाव के लिए 15 दिसंबर को देहरादून में संगठन की बैठक का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए समिति के संरक्षक पूर्व राज्यमंत्री धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि राज्य आंदोलन में स्व.जेपी पाण्डे के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। राज्य प्राप्ति के बाद राज्य के विकास तथा राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप नीतियां लागू कराने के लिए वे लगातार संघर्ष करते रहे। उनके आकस्मिक निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। राज्य के गांव गांव तक पहचान रखने वाले स्व.जेपी पाण्डे के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए राज्य के विकास के लिए कार्यकर्ता संघर्ष करें, यही स्व.जेपी पाण्डे को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। भाजपा नेता संजय चोपड़ा ने कहा कि स्व.जेपी पाण्डे जमीन से जुड़े संघर्षशील नेता थे। जनसमस्याओं के लिए संघर्ष करने का जो जज्बा स्व.जेपी पाण्डे में था। ऐसा कम ही लोगों में देखने को मिलता है। राज्य के मूल मुद्दों तथा जनसमस्याओं के लिए उनका अथक संघर्ष हमेशा ही सबको प्रेरणा देता रहेगा। समिति के जिला अध्यक्ष मुकेश जोशी, अवतार सिंह बिष्ट, राजेंद सिंह रावत, आनन्द सिंह नेगी, भास्कर पाण्डे, भीमसिंह रावत, विजय भण्डारी, राजेंद्र गुसांई, कमला ढोंढियाल, सरिता पुरोहित, भुवनराम, मंजू लोहनी, आनन्द सिंह रावत, रमेश रतूड़ी, प्रकाश बलोदी, महेश गौड़, जगमोहन सिंह, बीरा भण्डारी, विष्णुदत्त सेमवाल, सुरेंद्र सैनी, राजेश गुप्ता, विनोद डंडरियाल, बालकिशन, आरएस नेगी, कालूराम जयपुरिया आदि सहित प्रदेश भर के तमाम जिलों से आए समिति के कार्यकर्ताओं ने जेपी पाण्डे को श्रद्धांजलि देते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने व संगठन में एकता बनाए रखने का संकल्प लिया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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