हरिद्वार। संविधान दिवस के उपलक्ष्य में बाबा साहब डा.भीमराव अंबेडकर निर्धन कल्याण समिति की और से आयोजित कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने ज्वालापुर के मौहल्ला कड़च्छ स्थित डा.भीमराव अंबेडर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। संविधान दिवस की बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के जनक तथा देश के प्रथम कानून मंत्री डा.भीमराव अम्बेडकर भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे। भारत को मजबूत और एकजुट राष्ट्र बनाने में उनका मुख्य योगदान था। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के प्रति बाबा साहेब अम्बेडकर का योगदान भारत के सभी नागरिकों के लिए बहुत मददगार है। भारतीय संविधान देश को एक स्वतंत्र, धर्मनिरपेक्ष स्वायत्त और गणतंत्र राष्ट्र बनाने के साथ नागरिकों को न्याय, समानता, स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है। भारत का संविधान पूरी दुनिया में सबसे शक्तिशाली व प्रभावशाली संविधान है। संविधान हमें वर्तमान से जोड़ने का कार्य करता है। शहरी विकास मंत्री ने पार्क का जीर्णोद्धार व बाबा साहेब डा.अंबेडकर की प्रतिमा पर छतरी लगवाने की घोषणा भी की। दलित समाज के विजयपाल, श्याममल दबोड़िए, मांगेराम, योगेंद्रपाल रवि, नीलम सिंह, मांगेराम, सचिन दाबड़े, पार्षद राजेंद्र कटारिया, सुरेश निरंकारी, रवि, राहुल बाढ़ियान, नवीन, प्रवीन आदि ने शहरी विकास मंत्री का स्वागत करते हुए उन्हें रमाबाई अंबेडकर तथा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के चित्र भेंट किए। इस दौरान राहुल बाढ़ियान को सभी ने उनके जन्म दिन की शुभकामनाएं देकर केक काटा। इस अवसर पर सरोज देवी, पूर्व पार्षद मदन गोपाल, रवि ढींगरा, सतीश कुमार, राजेंद्र पटेल, राकेश, भीमसेन, अरूण, सुभाष, मधुकांत, निर्मला देवी, कस्तूरी देवी, राहुल आदि सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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