हरिद्वार। राजकीय इण्टर काॅलेज मुण्डाखेड़ा कलां में खेल महाकुम्भ का आयोजन किया गया। विद्यालय की प्रधानाचार्य विमला देवी ने प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों में भी प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे प्रत्येक खेलों में उत्साहपूर्वक अपनी भागीदारी प्रतियोगिता में निभाते चले आ रहे हैं। उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ खेलों को भी बढ़ावा मिलना चाहिए। खेल शारीरिक व मानसिक विकास में सहायक है। स्कूल, काॅलेजों की प्रतियोगिता ही अध्ययनरत बच्चों में आत्मविश्वास को बढ़ाती है। खेल को खेल भावना के साथ खेलना चाहिए। प्रतियोगिता में 60 मीटर दौड़ में प्रथम स्थान पर शहजाद, 200 मीटर दौड़ में प्रथम स्थान विशान्त, कबड्डी में राजकीय इंटर काॅलेज मुण्डाखेड़ा की टीम ने प्रथम स्थान हासिल किया। प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले स्कूली बच्चों का सभी शिक्षकों द्वारा उत्साहवर्धन किया गया। प्रतियोगिता में विजय सक्सेना, सुभाष त्यागी, अरूण खरे, अनवारूल हुसैन, विनोद यादव, विनोद उनियाल, तेजपाल सिंह, गीता, नीतू रस्तौगी, रीता चैधरी, वीना शर्मा, ब्रिजेश द्विवेदी, सतवीर, सुषमा, अजयवीर, मधु कुकरेजा, अम्बरीष गौतम, सुरेशचन्द्र, नागर, किरण, राखी अरोड़ा आदि ने प्रतियोगिता में सहयोग प्रदान किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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