हरिद्वार। हरिद्वार रेलवे स्टेशन के मेला प्लेटफॉर्म नं.8 पर खड़ी ऋषिकेश दिल्ली पैसेंजर ट्रेन की एक बोगी में बुधवार सुबह आग लग गई। आग लगने की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन में हड़कम्प मच गया। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। बुधवार को सुबह करीब साढ़े दस बजे प्लेटफार्म पर सफाई कर रहे सफाईकर्मियों ने ट्रेन की बोगी से धुंआ निकलते देख जीआरपी और आरपीएफ को सूचना दी। सूचना मिलते ही जीआरपी और आरपीएफ के अधिकारी मौके पर पहुचे फायर ब्रिगेड को भी सूचना दी,सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। खिड़की तोड़कर अंदर घुसे फायरकर्मियों ने आग बुझायी। आग लगने से ट्रेन की बोगी की छत और चार सीटें पूरी तरह खाक हो गई हैं। ऋषिकेश दिल्ली पैसेंजर ट्रेन सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर ऋषिकेश से हरिद्वार पहुंची थी। सफाई के लिए ट्रेन को प्लेटफार्म नं.8 पर खड़ा किया गया था। सफाई के बाद ट्रेन का लाॅक कर दिया गया था। इसी दौरान ट्रेन के एक कोच में आग लग गयी। फायर ब्रिगेड के एसएसओ रायसिंह राणा ने कहा कि प्रथम दृष्टया जांच में शॉट सर्किट से आग लगने की बात सामने आ रही है। स्टेशन अधीक्षक एमके सिंह ने बताया कि सफाई कर्मियों ने ट्रेन की बोगी से धुंआ निकलते देख जीआरपी को सूचना दी। इसके बाद फायर ब्रिगेड को मौके पर बुलाया गया। केंद्रीय रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य मनोज गौतम ने स्टेशन पर खड़ी ट्रेन के डिब्बे में आग लगने की घटना को गंभीरता से लेते हुए स्टेशन अधीक्षक से वार्ता कर ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना होने देने के लिए कारगर कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि देश विदेश से श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचते हैं। एक वर्ष बाद हरिद्वार में कुंभ का आयोजन भी होना है। ऐसे में सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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