हरिद्वार। प्रेमनगर आश्रम में स्वदेशी जागरण मंच की राष्ट्रीय सभा को लेकर प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अजय पतकी, अखिल भारतीय भारतीय प्रचार प्रमुख दीपक शर्मा प्रदीप, क्षेत्रीय संयोजक राजीव शर्मा ने आयोजन और स्वदेशी जागरण मंच के उद्देश्यों, गतिविधियों तथा राष्ट्रीय सभा के कार्यक्रमों के विषय में जानकारी प्रदान की। स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अजय पतकी ने बताया कि 1991 में गठित स्वदेशी जागरण मंच एक आंदोलन हैं जो देशवासियों में स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की भावना पैदा कर देश को स्वावलंबी बनने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में होने वाले इस आयोजन से स्वदेशी आंदोलन को गति मिलेगी और देश भर से आएं प्रतिनिधि देश के आर्थिक विकास, रोजगार सर्जन की सम्भावनाओं, वैश्विकरण के बाद उद्योग, बाजार की स्थिति जैसे मुद्दों पर मंथन करके प्रस्ताव पारित करेंगे। अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख दीपक शर्मा प्रदीप एवं क्षेत्रीय संयोजक राजीव शर्मा ने आयोजन के विषय में जानकारी प्रदान की और राष्ट्रीय सभा में शामिल होने वाले वशिष्ट लोगों के विषय में जानकारी प्राप्त की। 29 नवम्बर से 1 दिसम्बर तक होने वाली राष्ट्रीय सभा के विषय में जानकारी प्रदान करते हुए क्षेत्रीय संयोजक राजीव शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को राष्ट्रीय सभा का शुभारंभ प्रातः 10 बजे होगा और शाम को उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य प्रदर्शनी का उद्घाटन करेगी। 30 नवम्बर को स्वदेशी संदेश यात्रा और स्वदेशी सभा का आयोजन किया गया है जिसका 1 दिसम्बर को समापन होगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सभा में स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अरूण ओझा, राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल सहित सामाजिक, आर्थिक क्षेत्र की विशिष्ट हस्तियां शामिल होगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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