हरिद्वार। पिछले दो दिनों से बारिश एवं पहाड़ो में हो रही बर्फबारी के बाद हरिद्वार में ठंड बढ़ने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। शुक्रवार को भी दिन भर आसमान में बादल छाए रहने और बूंदाबांदी के चलते लोगों का अलाव का सहारा लेना पड़ा। ठंड का असर बाजारों में भी देखने को मिला। धर्मनगरी में बुधवार से ही मौसम ने करवट बदलनी शुरू कर दी थी। बीती रात के बाद शुक्रवार को दिनभर बूंदाबांदी के बाद बफीर्ली हवाओं से ठिठुरन बढ़ गई। ठंड बढ़ने के कारण बाजार और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। बूंदाबांदी के साथ ही ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो गईं। शाम को अलाव जलाकर लोग सर्द हवा और ठिठुरन से बचाव करते दिखे। मौसम विभाग ने बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की थी। तापमान में गिरावट आने के बाद सबसे अधिक परेशानी बाहर से आने वाले यात्रियों को हो रही है। वे ठंड से बचने को अलाव तलाशते नजर आ रहे हैं।दो दिनों से बारिश के बाद बढ़ी ठंड ने लोगों की परेशानियां भी बढ़ा दी है। ठंड बढ़ने के साथ ही लोगों ने गर्म कपड़ों के साथ अलाव का सहारा लेना शुरू कर दिया। दूसरी ओर पुराने औद्योगिक क्षेत्र में बारिश के कारण बाइक फिसलने से दो युवक घायल हो गया। दोनों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। घटना शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे की है, जब अतुल पुत्र सुरेंद्र और अमन पुत्र मुन्नालाल निवासीगण सिडकुल रावली महदूद हरिद्वार से सिडकुल लौट रहे थे। पुराना औद्योगिक क्षेत्र के पास अचानक बाइक फिसल गई और दोनों घायल हो गए। दोनों को जिला अस्पताल लाया गया। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। अतुल के सिर और अमन के पैर पर गंभीर चोटें लगी हैं। अस्पताल की ओर से पुलिस को सूचना दी गई है। दोनों युवक सिडकुल कर्मचारी बताए जा रहे हैं।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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