हरिद्वार। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती उषा नेगी मंगलवार को ह्यूमन राइट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से प्रेस क्लब हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिले, भिक्षावृत्ति पर प्रभावी रूप से रोक लगायी जाए, विभिन्न जनपदों से देहरादून तथा हरिद्वार आदि जनपदों में भिक्षावृत्ति कर रहे बच्चों के पीछे किसी रैकैट द्वारा कार्य किये जाने की सम्भावनाओें से इंकार नहीं किया जा सकता। जो बच्चों से भिक्षा मंगवाते हैं, इसका पता लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों के हाथों में किताबें होनी चाहिए, भिक्षा का कटोरा नहीं। बच्चंे ही भविष्य के नागरिक हैं। शिक्षा के माध्यम से ही बच्चों का विकास संभव है। किसी भी बच्चे को शिक्षा से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार, जीने का अधिकार, खेलने का अधिकार मिलना चाहिए। मानव अधिकारों से प्रथम बालक को संरक्षित सुरक्षित जीवन का अधिकार दिया जाना चाहिए। आज के बच्चे कल का नागरिक है उसकी रक्षा के लिए ही मानवाधिकार आयोग का गठन किया गया है। बच्चों को नशे से दूर रखना है। झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को स्वास्थ्य, शिक्षा के अधिकार मिलने चाहिए। इसके लिए हम सबको एक दूसरे के सहयोग से कार्य करना होगा और अपने अपने क्षेत्र में कार्य करते हुए बालकों के अधिकारों के प्रति भी सजग रहना होगा। हमें अपने बच्चों को बेहतर संस्कार देने की आवश्यकता है। ऐसे संस्कार दें जिससे बच्चे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनें, दूसरों के साथ भी मानवीय व्यवहार की सीख बचपन से बच्चों के दें। बाद में श्रीमती नेगी ने गैर सरकारी श्रीराम अनाथ आश्रम श्यामपुर कांगड़ी का भौतिक निरीक्षण किया। उन्होंने वहां शिशु तथा बालकों के रहन सहन, खाने पीने, स्वास्थ्य, शिक्षा की गुणवत्ता जांची। उन्होंने बाल गृह प्रबंधक की ओर से अनाथ बच्चों के सामने शिक्षा तथा नौकरी में आवश्यक प्रमाण पत्रों के बारे में आ रही समस्याओं को अभिलिखित कराया तथा जल्द ही निराकरण की बात कही।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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