हरिद्वार। पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों का असर सब्जियों के दामों पर नजर आ रहा है। सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। गृहणियों को महंगी सब्जी खरीदनें में पसीने छूट रहे हैं। सर्दी के मौसम में सब्जियों के दामों में आए उछाल से निर्धन वर्ग की परेशानियां और बढ़ गई है। प्याज, लहसुन के साथ गोभी, मटर, गाजर, शिमला मिर्च, बैंगन, मूली, अदरक, आलू जैसी सब्जियों के दाम लोगों की पहुंच से बाहर हो रहे हैं। सब्जियों के दामों में आयी तेजी से हर कोई हैरान है। आमतौर पर सर्दियों के मौसम में सब्जियों के दाम ज्यादा नहीं बढ़ते हैं। वहन करने लायक दामों पर सब्जियों बाजार में मिल जाती हैं। लेकिन इस वर्ष प्याज तो रूला ही रहा है। प्याज के साथ अन्य सब्जियों के दाम भी इतनी तेजी से बढ़े हैं कि लोग परेशान हैं। लहसुन, अदरक जैसी मसाले के तौर पर रसोई में इस्तेमाल होने वाली चीजें भी महंगी मिल रही हैं। लहसुन जहां तीन सौ रूपए किलो मिल रहा है। वहीं अदरक भी 100 रूपए किलो के भाव बिक रहा है। आमतौर पर 10 रूपए किलो मिलने वाली गोभी तीस रूपए, शिमला मिर्च 40, मटर 40, मूली 20, आलू 30, गाजर 30, बैंगन 20, मेथी 20 रूपए गड्डी के भाव मिल रहे हैं। कभी सब्जी के साथ मुफ्त मिलने वाला हरा धनिया भी 20 रूपए गड्डी के भाव बिक रहा है। तरह तरह की हरी सब्जियां उपलब्ध होने के कारण सर्दियों के मौसम को सब्जियों का आनन्द लेने के लिए भी जाना जाता है। महंगाई बढ़ने के कारण लोग सब्जियों का आनन्द भी नहीं उठा पा रहे हैं। रसोई चलाने वाली गृहणियां सब्जियों के दामों में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी से परेशान हैं। ज्वालापुर की लक्ष्मी व कमलेश, शिवलोक कालोनी की शालू, खन्ना नगर की राधा शर्मा, मायापुर की रजनी, सुषमा आदि महिलाओं ने बताया कि सब्जियों के दाम बढ़ने से परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके पूर्व दाम कम होने के कारण परिवार में सभी की पसंद की सब्जी बना लेते थे। लेकिन अब रेट ज्यादा होने के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है। प्याज के रेट इतने बढ़ गए हैं कि बिना प्याज के ही सब्जी बनानी पड़ रही है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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