हरिद्वार। किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुशील राठी ने जगजीतपुर में रविदास मन्दिर पर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा की सरकार से देश प्रदेश की जनता दुखी हो चुकी है जिसको लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में 14 दिसंबर को दिल्ली में रैली व जनसभा कर केंद्र की भाजपा मोदी सरकार को घेरने का काम किया जाएगा। रैली के माध्यम से देश के सामने मोदी सरकार के भ्रष्टाचार महंगाई बेरोजगारी को पेश किया जाएगा।सुशील राठी ने कहा कि देश व प्रदेश में बेरोजगारी का आलम इतना है कि मजदूर को मजदूरी नहीं मिल रही है और सरकार द्वारा सरकारी व गैर सरकारी कारखाने बंद किए जा रहे हैं जिससे लोगों के सामने रोजी रोटी की परेशान आ खड़ी हुई हैं। उन्होंने युवा साथियों को 14 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित भाजपा सरकार के खिलाफ रैली में बढ़-चढ़कर भाग लेने की भी अपील की। किसान कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री राहुल चैधरी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश प्रदेश भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते त्रस्त हो चुका है ओर जनता भाजपा की सरकार से परेशान हो चुकी है। किसानों को कर्ज के बोझ के नीचे दबाकर आत्महत्या की ओर धकेला जा रहा है और किसानों के गन्ने का भुगतान नहीं किया जा रहा है। कांग्रेस के युवा नेता लालू सिंह ने कहा कि भाजपा के शासन में जनता का खुलकर उत्पीड़न किया जा रहा है और महंगाई, बेरोजगारी अन्य टैक्स जनता पर डाले जा रहे हैं। देश प्रदेश की जनता भाजपा सरकार से त्रस्त हो चुकी है। राहुल चैधरी के संचालन में आयोजित बैठक में किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुशील राठी का पार्षद उदयवीर चैहान, मनोज काका, लालू सिंह, बबीता, कमलावती, सविता, सरोज, विशाल कुमार, विपिन, तारा, मुन्नी आदि लोगों ने फूूल मालाओं से स्वागत किया।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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