हरिद्वार। प्रभारी जिलाधिकारी विनीत कुमार तोमर की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पुलिस, एसडीएम तथा परिवहन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा पुनः ब्लैक स्पाॅट चिन्हित किये जाने को कहा। उन्होंने कहा कि ब्लैक स्पाॅट की संख्या सही होने पर ही दुघर्टनाओं पर लगाम लगायी जा सकती है। सार्वजनिक सेवायान से दुर्घटना की स्थिति में उत्तराखण्ड दुर्घटना राहत निधि से वितरित मुआवजा धनराशि के प्रकरणों की भी समीक्षा प्रभारी जिलाधिकारी ने की। उन्होंने कहा कि इन मुआवजा राशि का वितरण निर्धारित समय समय में किया जाये। इसके लिए एसडीएम, सम्बंधित क्षेत्र का थाना व परिहन विभाग सभी कार्रवाई समय से तालमेल बनाकर करना सुनिश्चि करें। सड़क दुर्घटनाओं में संवेदनशीलता को अपनाते हुए सड़क निर्माण विभाग, पुलिस तथा यातायात विभाग अपने दायित्वों का तत्परता से अनुपाल करे। एनएच के अधिकारियों ने बताया कि पुराने रिफलेक्टिंग बोर्ड कोहरे में सही ढंग से कार्य करें। इसके लिए पुराने बोर्ड को बदल कर नये बोर्ड लगाये जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। जनपद की सड़कों पर क्रैश बैरियर, सूचना संकेत बोर्ड, ट्रैफिक काॅमिंग के कार्यो की भी समीक्षा की। उन्होंने सड़क और यातायात के नियमों तथा दुर्घटना की स्थिति में पुलिस तथा प्रशासन की ओर से किये जाने वाले राहत कार्यो की सूचनाओं और जानकारियों का व्यापक प्रचार प्रसार किये जाने के निर्देश एआरटीओ व पुलिस को दिये। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अबुदई, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के.के. मिश्र, एसपी ट्रैफिक आयुष अग्रवाल, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, एसडीएम भगवानपुर, एआरटीओ प्रशासन तथा प्रवर्तन समिति के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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