हरिद्वार। जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास की ओर से विजय दिवस धूमधाम से मनाया गया। 14 शहीदों की पत्नियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति पेश कर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। एनसीसी कैडेटों का भी प्रमाण पत्र देकर सम्मान किया गया। सोमवार को तहसील परिसर स्थित जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय प्रांगण में विजय दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिला सैनिक कल्याण अधिकारी आमोद कुमार चैधरी और पूर्व कर्नल चक्रधर प्रसाद बढोनी ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इससे पहले दो मिनट का मौन रखकर 1971 भारत-पाक युद्ध के शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई। आमोद कुमार चैधरी ने कहा कि पूर्व सैनिक को जाति, वर्ग के समूहों से ऊपर उठाकर एक भारतीय के रूप में राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी निभानी चाहिए। कहा कि भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय सेना के जवानों ने अपना बलिदान देकर विजय प्राप्त की थी। इस बलिदान को कभी बुलाया नहीं जा सकता है। कहा कि शहीद के नाम पर सड़क और कॉलेज का नाम रखे जाने को लेकर सरकार को ज्ञापन भेजा हुआ है। कार्यक्रम में नायक बच्ची राम डोबरियाल, कैप्टन जेसी भट्ट, राइफलमैन मनोज सिंह, सूबेदार महेश चंद्र त्रिपाठी, नायक राधेश्याम, पारस नाथ, ब्रिजपाल सिंह, जयपाल सिंह, लांस नायक हरबीर गिरि, राइफल मैन मान सिंह, सूबेदार राजे सिंह नेगी, प्रमोद कुमार, लेफ्टिनेंट कर्नल रंजीत सिंह पंवार की पत्नी को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही एनसीसी कैडेटों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मिथिलेश शर्मा ने सैनिकों के जीवन पर एक गीत प्रस्तुत किया। जबकि एनसीसी कैडेट की दिव्या धीमान ने शानदार नृत्य पेश कर सभी को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। दो सैनिकों की ओर से दिव्या को ईनाम के रूप में नकद धनराशि दी गई। इस दौरान एसके शर्मा, दिनेश चंद सकलानी, प्रकाश चंद भट्ट, देवेंद्र सिंह, मंजू रावत और पूर्व सैनिक शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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