हरिद्वार। साध्वी ज्योर्तिमियानन्द ने निरंजनी अखाड़े के कुछ संतों से खतरा जताते हुए संत समाज से सुरक्षा की गुहार लगायी है। गुरूवार को प्रैस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए साध्वी ज्योर्तिमियानन्द ने कहा कि भीमगोड़ा स्थित मोहनानन्द आश्रम व भोलागिरी आश्रम पर निरंजनी अखाड़ के कुछ संतों ने जबरन कब्जा कर रखा है। वे ब्रह्मलीन म.म.गणेशानन्द की शिष्य हैं। इसलिए गुरू परम्परा के तहत आश्रम का कब्जा उन्हे मिलना चाहिए। लेकिन निरजंनी अखाड़े के कुछ रसूखदार संतों ने आश्रम में कब्जा कर लिया। उन्हें आश्रम में नहीं जाने दिया जा रहा है। उन्हे धमकी भी दी जा रही है। उन्होंने संत समाज से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए कहा कि गुरू शिष्य परम्परा के तहत उन्हें आश्रम पर कब्जा दिलाया जाए तथा उनकी सुरक्षा की जाए। साध्वी ज्योर्तिमियानन्द ने महिला संयासियों के लिए अलग अखाड़ा बनाए जाने की मांग करते हुए कहा कि अखाड़ा परिषद में उनकी समस्या नहीं सुनी जा रही है। इसलिए महिला संयासियों का अलग अखाड़ा गठित होना चाहिए। ताकि महिला साध्वी अपनी समस्याओं को अखाड़े के सामने रखकर समाधान करा सकें। पत्रकारवार्ता के दौरान साध्वी माता जगदम्बा भी मौजूद रही।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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