हरिद्वार। पथरी क्षेत्र के गांव रानीमाजरा के पास लक्सर हरिद्वार मार्ग के चैड़ीकरण में सड़क किनारे लागए गए लोहे के चैनलों को चोरी कर बेचने जा रहे तीन शातिर चोरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पूछताछ करने पर आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। आरोपियों के पास से चोरी के चैनल, तमंचा और चाकू बरामद हुए हैं। पुलिस ने तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया है। जानकारी के अनुसार गांव रानीमाजरा में लक्सर हरिद्वार मार्ग के चैड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा सड़क के दोनों ओर पानी की निकासी के लिए नाले के निर्माण में लोहे के चैनल लगाए गए थे। रविवार रात मोहम्मदपुर कुंहारी लक्सर थाना के रहने वाले तीन लोगों ने सड़क किनारे पड़े लोहे के चैनल को पिकअप गाड़ी में भर लिया और उन्हें बेचने की नीयत से पथरी के रास्ते रुड़की की ओर जा रहे थे। रात में घोंटी चैक पर वाहन चेकिंग में लगी पुलिस ने गाड़ी को रोक लिया। पुलिस पूछताछ में तीनों लोग सही जानकारी नहीं दे पाए। जिसके चलते पुलिस गाड़ी सहित तीनों को पथरी थाने ले आई। सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपियों ने अपना नाम रिजवान पुत्र मेहरबान, तस्लीम पुत्र जमील अहमद, रफीक पुत्र जरीफ निवासीगण मोहम्मदपुर कुन्हारी थाना लक्सर बताया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया। तलाशी लेने पर रफीक के पास से एक तमंचा 12 बोर और दो जिंदा कारतूस, तस्लीम और रिजवान के पास से एक एक चाकू बरामद हुआ है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पिकअप गाड़ी को सीज कर दिया है। सोमवार को तीनों आरोपियों को जेल भेजा गया है। पुलिस टीम में फेरुपुर चोकी प्रभारी उमेश कुमार, खेमन्द्र गंगवार, मनोहर लाल, अनिल, दीपक, कुलानंद, मनीष राजाराम आदि शामिल थे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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