हरिद्वार। प्रभारी मेलाधिकारी, हरिद्वार महाकुभ-2021 डाॅ0 ललित नारायण मिश्र ने उप मेलाधिकारी के साथ बस्तीराम पाठशाल के निकट निर्माणाधीन पुल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कार्य स्थल पर कार्य का बोर्ड अभी तक स्थापित नहीं किया गया है। मात्र उसे लाकर रख दिया गया है। उक्त बोर्ड में कार्य प्रारम्भ करने एवं कार्य के सत्यापन की तिथि अंकित नहीं की गई है तथा साइट अभियंता एवं विभागीय अभियंता का नाम व मोबाइल नम्बर भी अंकित नहीं है। जो की निर्देशों का उल्लंघन है। अपेक्षा की जाती है कि दिये गये निर्देशों का अनुपालन तत्काल प्रभार से सुनिश्चित करते हुए बोर्ड स्थापित किया जाय। निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि कंटिग फेज का कार्य जारी है। विभागीय अवर अभियंता रश्मि रावत मौके पर उपस्थित नहीं थी। एन0जैड0 कांस्ट्रक्शन कंपनी के सहायक इंजीनियर कलीम अहमद उपस्थित थे। उनके द्वारा बताया गया कि उनके पास दो पुलों का कार्य है। जिसमें केवल बस्तीराम पाठशाला पुल का ही प्रारम्भ हुआ है। देवपुरा पुल का कार्य अभी प्रारम्भ नहीं हुआ है। साइट अभियंता को मौके पर साइट लैब दिखाने को कहा गया, जिसे वह नहीं दिखा पाये जो की एम0ओ0यू0 के शर्तों का उल्लंघन है। अधिशासी अभियंता लोनिवि व अधीक्षण अभियंता तकनीकी प्रकोष्ट कुम्भ मेला को निर्देशित किया जाता है कि एम0ओ0यू0 की शर्तों का उल्लंघन करने पर वांछित जुर्मान आरोपित कर अवगत करायें तथा विभागीय अभियंता रश्मि रावत की अनुपस्थित व अनुश्रवण पर उनका स्पष्टीकरण लेकर इस कार्यालय को उपलब्ध करायें। पूर्व में भी अधीक्षण अभियंता तकनीकी प्रकोष्ठ कुम्भ मेला द्वारा किये गये निरीक्षण की कमियों को दूर नही किया गया है तथा उक्त निरीक्षण आख्या पर प्रति उत्तर भी अप्र्राप्त है, जो की कार्य के प्रति लापरवाही को दर्शाता है। यह भी अवगत करायें कि देवपुरा पुल का कार्य अब तक प्रारम्भ क्यों नहीं किया गया है। जबकि कुम्भ मेला-2021 के प्रारम्भ होने में लगभग एक वर्ष का समय ही शेष रह गया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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