हरिद्वार। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार पर राज्य आंदोलनकारियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन के बाद समिति की और से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय अध्यक्ष सतीश जोशी ने कहा कि भाजपा सरकार राज्य आंदोलनकारियों की उपेक्षा कर रही है। चिन्हीकरण के लिए 156 राज्य आंदोलनकारियों की पत्रावलियां जिला अधिकारी कार्यालय में लंबित हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की और से आदेश जारी कर पत्रावलियों को रूकवा दिया है। जबकि मुख्यमंत्री ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को चिन्हिकरण शीघ्र कराने का आश्वासन दिया है। जिला अध्यक्ष जगत सिंह रावत ने कहा कि भाजपा सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। पहाड़ का विकास कराने का नारा देने वाली सरकार शराब के कारखाने खुलवाकर पहाड़ों का विनाश करना चाहती है। महिला नेत्री विजय जोशी व सरिता पुरोहित ने कहा कि अगला परिसीमन जनंसख्या के बजाए क्षेत्रफल के आधार पर होना चाहिए। धरना प्रदर्शन में सरोजनी जोशी, प्रताप सिंह थपलियाल, विष्णुदत्त सेमवाल, श्रीमती महेंद्र काला, रकम सिंह रावत, बीएस तिवारी, कामरेड साकेश वशिष्ठ, अंजू उप्रेती, भोपाल सिंह, उमादेवी, शांति मनोड़ी, आनन्दमणी नौटियालक, जेपी बड़ोनी, एसएस रावत, कालूराम जैपुरिया, विजयपाल सिंह, प्रमोद कुमार डोभाल, डा.हरिनारायण जोशी अंजान, भगवान जोशी, सुशीला डंडरियाल, जेपी बुड़ाकोटी, वीरेंद्र, शशीभूषण घिल्डियाल, रमेश ममगाई, विजय बिष्ट, सुमन चैहान, देवकी देवी, विमला देवी, सीता देवी, मधु नौटियाल, अजब सिंह चैहान, वसंती, सोनी कुकरेती, विमला देवी आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
Comments
Post a Comment