हरिद्वार। सिडकुल थाना क्षेत्र के राजा बिस्कुट चैक पर एक ट्रक ड्राइवर को तमंचे की नोक पर बंधक बनाकर बहादराबाद के बाइपास स्थित टोल प्लाजा पर ट्रक में लोड सामान को लूट लिया गया। ट्रक में लाखों रुपये के साबुन और टूथपेस्ट के कॉटेज थे। चालक ने किसी तरह बंधक मुक्त होकर बहादराबाद पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने घटनास्थल पर ट्रक चालक से पूछताछ के बाद लुटेरों को पकड़ने के लिए सर्च अभियान चलाया। लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिल पाई। हालांकि पुलिस घटना को संदिग्ध भी मान रही है। ट्रक चालक ने सिडकुल पुलिस को घटना की लिखित शिकायत दी है। शुक्रवार शाम को ट्रक चालक ने एक कंपनी से हैदराबाद के लिए गाड़ी लोड की थी। चालक राजा बिस्कुट चैक पर ट्रक खड़ा कर खाना खाने के बाद वापस आकर ट्रक के अंदर लेट गया। आरोप है कि चार युवक ट्रक के अंदर शीशा तोड़कर आए और उन्होंने चालक पर तमंचा तान दिया। ट्रक चालक को बंधक बनाकर गाड़ी में डाल दिया और ट्रक लेकर बहादराबाद थाना क्षेत्र के रुड़की रोड स्थित निर्माणाधीन टोल प्लाजा पर जाकर रुक गए। आरोप है कि इसी दौरान लुटेरों ने अपने दो ट्रक बुलाकर उसके ट्रक से लगभग 408 कॉटेज सामान उनमें लोड कर दिया। इसके बाद बंधक ट्रक चालक को छोड़कर भाग निकले। शनिवार सुबह लगभग चार बजे किसी तरह बंधन मुक्त होकर चालक ने पुलिस को जानकारी दी। बहादराबाद थाना प्रभारी गोविंद कुमार ने बताया कि पुलिस ने मौका मुआयना किया और आसपास खड़े ट्रक और फड़ वालों से मामले की जानकारी जुटाई। उन्होंने ऐसी किसी घटना से इनकार किया। एसओ ने कहा कि ट्रक कब्जे में लेकर बाजार चैकी बहादराबाद खड़ा कर दिया है। कार्यवाहक थाना प्रभारी सिडकुल दिलबर सिंह कंडारी ने बताया कि ट्रक चालक ही ट्रक मालिक है। मामला संदिग्ध लग रहा है। जांच के बाद ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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