हरिद्वार। जिलाधिकारी दीपेन्द्र कुमार चैधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि 23 व 24 दिसम्बर को प्रातः 10ः00 बजे से राजकमल सांइंस एण्ड मैनेजमेंट कालेज बहादराबाद मे सस्टेशनल डेवलपमेंट गोल विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। शासन की ओर से सम्पूर्ण राज्य में उक्त विषय पर कार्यशाला का आयोजित की जायेंगी। जिसकी शुरुआत हरिद्वार जनपद से की जा रही है। दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक द्वारा किया जायेगा तथा बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष नरेश बंसल द्वारा कार्यशाला की अध्यक्षता की जायेगी। कार्यशाला में सम्बन्धित विभागों से शासन स्तरीय उच्चाधिकारियों द्वारा भी प्रतिभाग किया जायेगा। जिसमे एसडीजी जागरूकता स्थानीय स्तर पर मुद्दों का चिन्हीकरण तथा उनके निदानांे की अपेक्षित चर्चा की जायेगी और स्थानीय वित्तीय मानव संसाधन व तकनीकी संरचनाओं का चिन्हीकरण एवं सीटूएन माॅडल का उपयोग के सम्बन्ध मंे एएसडीजी योजना, संरचना कार्यान्वयन हेतु रोडमेप विकसित करना तथा स्थानीय निकायांे, समितियों के सदस्यगण सामुदाय आधारित संगठन व बुद्धीजीवी वर्ग की भागीदारी से जनपद स्तरीय विजन डाक्यूमंेट 2030 तैयार करना होगा। प्रकाश में आये मुद्दों और समस्याओं एवं चुनौतियों को दूर करने हेतु सम्भावित निदान स्थानीय वित्तीय संसाधनांे ग्राम पंचायतों व जिला पंचायतों, नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों, जिला योजनाओं, राज्य योजनाओं, केन्द्र पुरोनिधानित तथा वाह्य साह्यतित आदि योजनाओं की स्थिति एवं तकनीकी संसाधनों की स्थिति का आंकलन किया जायेगा और उनके सीटूएन माॅडल के अनुसार उपयोग का आंकलन तथा तीन वर्षीय योजना वार्षिक कार्ययोजना एवं रणनीति तैयार की जायेगी। कार्यदलों के निष्कर्ष के पश्चात जनपद के लिए जनपद का विजन 2030 तैयार किया जायेगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment