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प्तंगबाजी को लेकर युवाओं,बच्चों में खासा उत्साह,रंग-बिरंगे पंतगें बना आकर्षण का केन्द्र

हरिद्वार। बसंत पंचमी पर्व को लेकर युवाओं व बच्चों में बेहद उत्साह बना हुआ है। उपनगरी ज्वालापुर के बाजारों में पतंगों की दुकानों पर तरह तरह की पतंगे व मांझा खरीदने वालों की भीड़ उमड़ी हुई है। विशेषकर बसंत पंचमी को लेकर बच्चे उत्साहित रहते हैं। छोटे बड़े पतंग नए नए डिजाईन में दुकानों पर उपलब्ध हैं। डोरेमाॅन, स्पाईडर जैसे बच्चों के पंसदीदा कार्टून चरित्रों वाली पतंगे भी बाजार में खूब बिक रही हैं। बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजन के साथ पतंगबाजी का भी विशेष महत्व है। बृहष्पतिवार को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। बसंत पंचमी पर घरों में सरस्वती पूजन किया जाएगा। सरस्वती पूजन के उपरांत युवा वर्ग पतंगबाजी का आनन्द उठाएंगे। युवाओं के साथ बच्चों में बसंत पचंमी को लेकर खासा उत्साह है। बसंत पंचमी के एक दिन पूर्व ही पतंगबाजी की तैयारियों में युवा जुटे हुए हैं। छतों पर डीजे लगाकर पतंगबाजी की जाएगी। पतंगबाजी के लिए पतंग व मांझा खरीदने के लिए दिनभर दुकानों पर भीड़ लगी रही। बच्चे भी पीछे नहीं रहे। बच्चों ने भी खूब पतंग व मांझा खरीदा। पतंग मांझा खरीदने के लिए देर रात तक दुकानों पर भीड़ लगी रही। बृहस्पतिवार को सवेरे से ही पतंगबाजी का दौर शुरू हो जाएगा। हर और से वो काटा की आवाजें धर्मनगरी में सुनाई देंगी। खासतौर पर प्रशासन द्वारा चाईनीज मांझे की बिक्री को लेकर नकेल लगाने के लिए छापेमारी अभियान भी चलाए जा रहे हैं। लेकिन चाईनीज मांझे को लेकर जनजागरूकता नहीं होने पर बड़े पैमाने पर पतंगबाज चाईनीज मांझा ही खरीद रहे हैं। पतंग व्यवसायी मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में चाईनीज मांझे की बिक्री गुपचुप तरीके से कर रहे हैं। पतंगबाज जाॅनी अंसारी ने बताया कि पुराने समय का दौर पतंगबाजी के लिए अच्छा था। परंपरागत मांझे का इस्तेमाल किया जाता था। अब चाईनीज मांझा आ जाने के चक्कर में पतंग उड़ाना खतरनाक हो गया है। बच्चों के लिए भी यह मांझा काफी खतरनाक है। चाईनीज मांझे का इस्तेमाल पतंग उड़ाने में अच्छा साबित नहीं हो रहा है। पुराना सादी वाला मांझा ही पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। भेल, कनखल, हरिद्वार, भीमगोड़ा, भूपतवाला में भी बसंत पंचमी पर जमकर पतंगबाजी होगी।


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