हरिद्वार। सनातन धर्म और भारत राष्ट्र की अभूतपूर्व दुर्गति पर सनातन धर्म के धर्मचार्यो की उदासीनता से खिन्न होकर भूमा निकेतन में चल रहे माँ बगलामुखी महायज्ञ स्थल से यति नरसिंहानन्द सरस्वती महाराज ने सनातन धर्म के सर्वोच्च धर्माचार्यो को अपने और अपने शिष्यों के रक्त से पत्र लिखकर सनातन धर्म और सनातन धर्म के मानने वालों की रक्षा करने का अनुरोध किया। यति नरसिंहानन्द सरस्वती महाराज ने ये पत्र सभी पीठो के जगद्गुरु शंकराचार्यो, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष, सभी अखाड़ो के आचार्य महामंडलेश्वरों और अखाड़ो के पदाधिकारियों को लिखे।धर्माचार्यो को लिखे रक्त पत्र की आवश्यकता के विषय मे बताते हुए यति नरसिंहानन्द सरस्वती महाराज ने कहा की खुलेआम देश को बर्बाद करने की धमकी दी जा रही है। संगठित रूप से जगह जगह हिन्दुओ का प्रताड़ित किया जा रहा है। सरकारें भी इस स्थिति में कुछ नहीं कर पा रही है। ऐसे में हिन्दू समाज के युवाओ का मनोबल टूट रहा है। सनातन धर्म की रक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। भारतवर्ष में एक भी मठ मन्दिर सनातन धर्म की रक्षा के लिए आगे नहीं आ रहा है। हिन्दुओं की स्थिति अनाथो जैसी हो चुकी है। ऐसे में हिन्दू जाएं तो कहाँ जाये। इसीलिये इस पत्र में सनातन धर्म के धर्माचार्यो से मदद मांगी गयी है। पत्रो के लिये रक्त देने वालों में हिन्दू स्वाभिमान के राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष बाबा परमेन्द्र आर्य, यति सत्यदेवानंद सरस्वती, यति जितेन्द्रानंद सरस्वती, यति भावेशनन्द सरस्वती, यति रामस्वरूपानंद सरस्वती, यति सेवानंद सरस्वती शामिल रहे। इस अवसर पर धीरज नागर, मोहित बजरंगी, आशु रस्तोगी, बृजमोहन सिंह, हरिकृष्ण पण्डित, तरुण त्यागी, बॉबी त्यागी आदि भक्तगण भी उपस्थित रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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