हरिद्वार। शनिवार को नगर आयुक्त ने राजा गार्डन के वार्ड का निरीक्षण किया। स्थानीय पार्षद लोकेश पाल ने नगर आयुक्त को बताया कि शहरी क्षेत्र में शामिल होने के बाद भी स्थानीय आबादी गंदगी और जलभराव की समस्या से जूझ रही है। नगर आयुक्त ने जल्द से जल्द वार्ड में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था लागू करने का आश्वासन दिया। नगर आयुक्त ने बताया नालियों के निर्माण के लिए निर्माण अनुभाग को एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं।जागिंग निरीक्षण से चर्चाओं में आए नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह भंडारी शनिवार को राजा गार्डन पहुंचे। स्थानीय पार्षद लोकेश पाल ने नगर आयुक्त को वार्ड का मौजूदा हाल दिखाया। पार्षद ने नगर आयुक्त को बताया कि प्रदेश का सबसे बड़ा वार्ड होने के बावजूद राजा गार्डन में मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। उन्होंने बताया कि वार्ड से कूड़ा नहीं उठता है। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगते हैं। कहा कि वार्ड में नालियां न होने के चलते खाली प्लाटों और सड़कों पर जलभराव होता है। जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कत होती है। नगर आयुक्त ने जल्द से जल्द समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया। नगर आयुक्त ने पार्षद के साथ जगजीतपुर स्लैज फार्म में ओलावृष्टि से हुए नुकसान का जायजा भी लिया। इसके बाद नगर आयुक्त जगजीतपुर पैठ बाजार में पहुंचे। लोकेश पाल ने बताया कि पैठ लगने से लोगों को आवागमन में परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे, मुख्य मार्ग, ग्रामीण सड़क और लिंक रोड़ के पचास मीटर के दायरे में पैठ बाजार नहीं लग सकते हैं। लेकिन जगजीतपुर में वार्ड की सड़क के बीचोंबीच पैठ बाजार सजाकर कोर्ट के आदेश की आवमानना की जा रही है। पार्षद ने पैठ बाजार को अन्यत्र शिफ्ट करने की मांग की।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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