हरिद्वार। महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ सीओ सिटी अभय सिंह से मुलाकात कर स्मैक के कारोबार पर रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग करते हुए ज्ञापन सौपा। स्मैक बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए सुनील सेठी ने कहा कि धर्मनगरी में बड़े पैमाने पर चल रहे स्मैक के कारोबार की वजह से युवा पीढ़ी जहरीले नशे का शिकार होकर अपना जीवन बर्बाद कर रही है। जो कि युवा वर्ग के लिए बेहद खतरनाक स्थिति है। स्मैक का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। शहर के तमाम गली मोहल्लों, गंगा घाटों पर स्मैक का नशा फलफूल रहा है। जिसको लेकर समाज परेशान है। पूर्व पाषर्द कन्हैया खेवड़िया ने बताया कि चंद पैसों के लालच में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा स्मैक के कारोबार को बढ़ावा देकर हरिद्वार के युवाओं को बर्बाद किया जा रहा है। युवा वर्ग के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए जनजागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। स्कूल कालेज के छात्रों व युवाओं को इसके दुष्परिणामो को जानकारी देते हुए नशे की लत से छुटकारा दिलाने की कोशिश करेंगे। जागृति व्यापार मंडल अध्यक्ष नाथीराम सैनी एव मायापुर व्यापार मंडल अध्यक्ष जितेंद्र चैरसिया ने कहा कि शहर में बड़े पैमाने पर संचालित हो रहा स्मैक का कारोबार बड़ी चिंता का विषय है। सीओ सिटी अभय सिंह ने उचित कार्यवाही का भरोसा देते हुए कहा कि नशे के कारोबार पर रोक लगाने के लिए जनसहयोग आवश्यक है। जहां कहीं भी नशे का कारोबार संचालित हो रहा है। तत्काल पुलिस को सूचना दी जाए। ज्ञापन सौंपने वालो में तरुण व्यास, राहुल चैहान, मनोज कुमार आदित्य, रमन सिंह, पंकज माटा, सुधांशु शर्मा, राहुल कुमार, प्रीतकमल सारस्वत, ऋषभ कुमार, देवेंद्र कुमार, रवि कुमार शामिल रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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