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पतंजलि योगपीठ की ओर से प्रधानमंत्री राहत कोष में 25 करोड़


हरिद्वार। कोरोना वायरस के संक्रमण जैसे संकट से निपटने के लिए पतंजलि योगपीठ ने प्रधानमंत्री राहत कोष में 25 करोड़ रूपए देने की घोषणा की है। कनखल स्थित दिव्य योग मंदिर में पत्रकार वार्ता के दौरान 25 करोड़ रूपए देने की घोषणा करते हुए योग गुरू बाबा रामदेव ने बताया कि पतंजलि योगपीठ के सभी कर्मचारी भी पीएम राहत कोष में एक दिन का वेतन देंगे। उन्होंने कहा कि पतंजलि योगपीठ से जुड़ी सभी संस्थाएं इस आपातकालीन स्थिति में मदद करने के लिए तैयार हैं। देश भर के पांच पतंजलि संस्थानों में डेढ हजार आईसोलेशन बैड की व्यवस्था करने का प्रस्ताव प्रधानमंत्री को दिया गया है। इसके अतिरिक्त कोरोना प्रभावितों के लिए भोजन व आवास की व्यवस्था भी की जाएगी। देश भर में फैले पतंजलि के लाखों स्वयंसेवी इस आपात स्थिति में सहायता करने को तत्पर हैं।          बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोना के ईलाज के लिए आयुर्वेदिक दवा खोजने का प्रयास भी किया जा रहा है। इसके लिए रिसर्च जारी है। उन्होंने दावा किया कि योग, प्राणायाम व आयुर्वेदिक उपचार के जरिए कोरोना पाजीटिव एक मरीज को ठीक भी किया गया है। उपचार के बाद उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आयी है। उन्होंने कहा कि श्वसन संबंधी रोगों के उपचार में आयुर्वेदिक बेहद कारगर है। विभिन्न वैज्ञानिक शोध में यह प्रमाणित भी हो चुका है। इसलिए सरकार के समक्ष आयुर्वेदिक पद्धति से कोरोना के मरीजों का इलाज करने का प्रस्ताव रखा गया है। लाॅकडाउन होने के बाद दिल्ली सहित तमाम प्रदेशों से अपने घरों को लौट रहे प्रवासी मजदूरों से अपील करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि घबराएं नहीं, आप जहां हैं, वहीं रूकें। केंद्र सरकार समेत तमाम राज्य सरकारें मजदूरों, गरीबों की मदद कर रही हैं। इसलिए कोरोना वायरस को फैेलने से रोकने के लिए लागू किए गए लाॅकडाउन का पालन करते हुए अपने अपने स्थान पर घरों के अंदर रहकर सहयोग करें। लाॅकडाउन के दौरान घर पर रहकर योग, प्राणायाम के अभ्यास के जरिए अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं।देश दुनिया पर आए संकट को समाप्त करने के लिए पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण यज्ञ भी कर रहे हैं। पूर्णतया वैज्ञानिक व ऋषि पद्धति से किए गए यज्ञ अनुष्ठान आदि से वातावरण को शुद्ध रखने में मदद मिलती है। 


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