हरिद्वार। गीता ज्ञान के प्रणेता महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि कलयुग के बाद सतयुग का आगाज होता है और आर्थिक विषमता एवं आसुरी शक्तियां जब बढ़ती हैं,तब दैवीय सत्ता की आवृत्ति होती है। जिसके लक्षण दिखाई देने लगे हैं। यह उद्गार उन्होंने श्रीगीता विज्ञान आश्रम के तत्वावधान में संचालित भोजन प्रसाद सेवा में पधारे साधनहीन एवं असहाय व्यक्तियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। धर्म और सत्य की उपेक्षा से उपजने वाली सामाजिक विसंगतियों का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि प्रकृति का विरोध करना मानव का स्वरूप बनता जा रहा है। यही कारण है कि मानवता अब दानवता में बदल रही हैं। परिवार एवं समाज के रिश्ते समाप्त हो रहे हैं। अधर्म एवं अनीति का वर्चस्व बढ़ रहा है। जब ऐसा वातावरण बनता है तो प्रकृति अपने विरोध का बदला लेती है। परमात्मा ने प्रत्येक जीवधारी को स्वस्थ रहकर अपनी आयु पूर्ण करने के लिए धराधाम पर भेजा और मानव योनि को सभी में श्रेष्ठ माना। लेकिन मनुष्य ने मानवता को त्याग कर दानवता का जो तांडव प्रारंभ किया तो प्रकृति ने उसके प्रतिकार स्वरूप बीमारियों का समावेश कर दिया। यही कारण है कि सभी जीवधारियों में केवल मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जो नाना प्रकार के जो प्रकार के रोगों से ग्रसित हो रहा है। दान ज्ञान और तप को धराधाम पर अमर बताते हुए उन्होंने कहा कि जब दैवीय आपदा का प्रकोप होता है। तब दानवीर ज्ञानी एवं तपस्वी पुरुष ही बचते हैं जो कलयुग को पार कर सत्य युग का दर्शन करते हैं। भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्व में सर्वोपरि है और सभी का कल्याण चाहता है। इसीलिए प्राकृतिक प्रकोप का प्रभाव भारत भूमि मे दुनिया के अन्य देशों की तुलना में कम होता है। युग परिवर्तनशील होते हैं तथा समय चक्र बदलता रहता है और प्रभु सभी का कल्याण करते हैं।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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