हरिद्वार। हरकी पैड़ी पुलिस चैकी प्रभारी अरविन्द रतूड़ी के नेतृत्व में लगातार गरीब, असहाय, परिवारों के साथ साथ बेजुबान जानवरों को चारा खिलाने से लेकर मछलियों को आटा, कुत्ते, बिल्लियों, बंदर, लंगूर, गाय को रोजाना आटा, रस, बिस्किट दिया जा रहा है। चैकी प्रभारी अरविन्द रतूड़ी के निर्देशों पर कांस्टेबल मुकेश डिमरी अपनी पूरी टीम के साथ सुभाष घाट, गऊघाट, नाई सोता घाट, बड़ा बाजार, मोती बाजार, सब्जी मण्डी, अपर रोड़, हरकी पैड़ी पर आवारा पशुओं को नियमित रूप से चारा खिला रहे हैं। हरकी पैड़ी चैकी से निरंतर पोशीदा खाद्य सामग्री भी लोगों को वितरित करने का काम किया जा रहा है। पुलिस की देखरेख में तख्त चारपाई पर जरूरतमंदों के लिए खाने की खाद्य सामग्री के थैले रख दिए जाते हैं। जो लोग शरमाते हैं। उनके लिए यह व्यवस्था पुलिस की देखरेख में चलायी जा रही है। सैकड़ों की संख्या में लोग नेकी की चारपाई से कच्ची खाद्य सामग्री ले जा रहे हैं। हरकी पैड़ी चैकी इंचार्ज प्रभारी अरविन्द रतूड़ी लाॅकडाउन के चलते आवारा पशुओं को भूखा नहीं रहने दिया जा रहा है। गौमाता बंदरों को खाने की सामग्री नियमित रूप से पुलिस कर्मी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि चैकी के समक्ष जरूरतमंदों के लिए खाद्य सामग्री भी रखी गयी है। जो लोग दूसरों के सामने मदद नहीं लेना चाहते हैं। वह चुपचाप नेकी की चारपाई से खाद्य सामग्री ले सकते हैं। कांस्टेबल मुकेश डिमरी ने बताया कि मछलियों, कुत्तों, बिल्लियों, बंदरों के अलावा गाय माता की सेवा में पुलिस अपने प्रयास कर रही है। लाॅकडाउन में मानव सेवा के अलावा जानवरों को भी चारा उपलब्ध कराने में चैकी प्रभारी अरविन्द रतूड़ी के निर्देशों पर पुलिस टीम अपने कार्यो को अंजाम दे रही है। लाॅकडाउन का पालन सभी को करना चाहिए।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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