हरिद्वार। ब्लड वॉलिंटियर्स हरिद्वार के रक्तवीरो ने समाजसेवा का जज्बा दिखाते हुए इस संकट की घड़ी में 2 दिन में 60 यूनिट रक्तदान किया। ब्लड बैंक के डा.रविंद्र चैहान ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को समाज के प्रति अपने कर्तव्य को समझते हए रक्तदान कर देश हित में अपना योगदान करना चाहिये। इससे बहुत से मरीजो को रक्त मिलने में आने वाली कठिनाइयों को कम किया जा सकता है। आपके द्वारा दिए गए रक्त से किसी ऐसी व्यक्ति की जान बच सकती है, जिसे आप जानते तक नहीं। इसीलिए रक्तदान को महादान कहा गया है। ब्लड वाॅलिंटियर्स हरिद्वार ने समाज के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करते हुए दो दिनों में 60 यूनिट रक्त ब्लड बैंक को उपलब्ध कराया है। ब्लड वालंटियर्स हरिद्वार के अनिल अरोड़ा ने बताया कि उनकी टीम लॉकडाउन के दौरान हरिद्वार ही नही बल्कि ऋषिकेश, देहरादून व आस पास के सभी इलाको में मरीजो को रक्त उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। टीम के सदस्य आधी रात को भी रक्तदान के लिए तत्पर रहती है। टीम ने 2 दिन मे 60 यूनिट रक्तदान कर ब्लड बैंक में रक्त की कमी को दूर करने का प्रयास किया है। ब्लड वालंटियर्स हरिद्वार की ओर से अन्य व्यक्तियों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। टीम की प्रेरणा से रोजाना 15 से 20 व्यक्ति कर रहे हैं। रक्तदाताओं में गगन नामदेव, आदित्य झा, अरविंद सैनी, महेश भाटिया, अमित शास्त्री, गोपाल शर्मा, सुनील, राम गोपाल, गजेन्द्र, सिकंदर, कमल लोधी, गोल्डी नागर, रोहित ननकानी, मनोज ननकानी, दुष्यंत शर्मा, ललित शर्मा, मुकेश भारद्वाज, संजय, विजय शर्मा, रोहित सेठी, गौतम भारद्वाज, विपिन कटारिया, अमित, पंकज भान, पारस, अनुपम, रोहित,सुमित श्रीकुंज, विक्की आडवाणी, आकाश बंसल, अखिलेश जोशी ,तरुण खुराना, तुषार खुराना, नवीन सोनेजा, अमित ननकानी, दीपक वर्मा, सुमित मित्तल, भूषण गौर, पार्थ सोनी, मोहित भाटिया, प्रियम ननकानी, हितेश ननकानी, हर्ष अग्रवाल शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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