हरिद्वार। पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने प्रैस को जारी एक बयान में कहा कि उन्होंने होटल, रेस्टौरेंट व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों, इनमें काम करने वालों शेफ, प्रबंधक, इस व्यवसाय से जुड़ी वर्कर यूनियनों से बात की है। यदि जल्दी ही लॉकडाउन से निजात न मिली तो प्रदेश में बेरोजगारों की बड़ी भारी फौज खड़ी होने जा रही है। बड़े ग्रुप के यहाँ बहुत ही कम होटल हैं। जो इस झटके को अधिक से अधिक तीन महीने तक सम्भाल लेंगे। जबकि बाकी का हाल अभी से बुरा होने लगा है। अधिकतर होटल स्थानीय उत्तराखंडियों ने लीज पर ले रखे हैं। उनकी हालत तो और भी खराब है। उन्हें मालिकों का लीज रेंट भी देना है। ओयो पहले ही दिवालियेपन की कगार पर है। उस पर होटल मोटल मालिकों का पहले से ही काफी बकाया है। मई और जून में कश्मीर की स्थिति के कारण यहाँ पर्यटकों के आने की सम्भावना थी। क्योंकि उस समय स्कूलों की भी छुट्टियाँ हो जाती हैं, कोरोनो ने उन सम्भावनाओं को खत्म कर दिया है। होटलों के सामने सबसे बड़ी समस्या इस विश्वास को बरकरार रखने की होगी कि उसमें ठहरने वाले यात्री सुरक्षित हैं। कोरोना उस विश्वास को तोड़ चुका है। सबसे अधिक भरोसा धार्मिक यात्रा का था, जो कि खतरे में पड़ती दिखाई दे रही है। इस क्षेत्र में काम करने वाले हमारे उत्तराखंडी भाई पूरे विश्व में फैले हैं और आज देश-दुनिया की स्थिति कोई अच्छी नहीं है, अगर वे सब अपने गाँव-घर वापस आ गये तो क्या होगा। राज्य बनने के बाद राज्य में होटलों की बाढ़ सी आ गयी है। अस्थायी राजधानी देहरादून में वर्ष 2000 से पहले गिने-चुने होटल, रेस्टोरेंट थे, आज तो बाढ़ आ गयी है। यही हाल पूरे प्रदेश का है। अधिकतर होटल, रेस्टोरेंट व्यवसायियों ने बैंकों से कर्ज ले रखे हैं। नोटबंदी के नुकसान से वे भरपाई भी नहीं कर पाये थे, नई आफत कोरोना लेकर आ गया है। मेरा सरकार को सुझाव है कि वह केंद्र सरकार से बात करे, बैंकों की ऋण अदायगी पर एक वर्ष की रोक लगाये। राज्य सरकार भी बिजली-पानी व अन्य करों को एक वर्ष के लिये स्थगित करे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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