हरिद्वार। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशव्यापी लाॅकडाउन शुरू होने के साथ ही पहले जरूरतमंद तथा असहाय परिवारों की पहचान करना फिर अगले दिन उसे जरूरत के कच्चा राशन पहुचाना,यही दिनचर्या पिछले बीस दिनों से बना हुआ है संकल्प वेलफेयर सोसायटी के स्वयं सेवकों का। सोसायटी के अध्यक्ष रवीश भटीजा अपने कुछ साथियों के साथ पहले टिबड़ी, पुराना रानीपुर मोड़, रामलीला ग्राउण्ड, पुरूषोत्तम विहार, काशीपुरा, जोगिया मण्डी आदि क्षेत्रों में जाकर जरूरतमंद और असहायों की पहचान करते है और फिर अगले दिन उन्हें चावल,आटा,दाल,चीनी,तेल सहित अन्य जरूरी सामान पहुचाने का कार्य करते है। इस कार्य में उनके कई साथी उनका बखूबी साथ दे रहे है। इस नेक कार्य के लिए रविश भटीजा किसी प्रकार का कोई प्रचार नही चाहते,केवल मानवता की सेवा के ध्येय के साथ अपने दिनचर्या में व्यस्त रहत है। उनका कहना है कि जितना उनकी सोसायटी के द्वारा हो सकेगा,वो आखिर दौर तक सेवा कार्य करते रहेंगे। सिडकुल तथा हरिद्वार आद्योगिक क्षेत्र में कई फैक्ट्रियों के बंद रहने के कारण कई परिवारों के समझ भोजन का संकट आन पड़ा है। बड़ी संख्या में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग इन क्षेत्रों में निवास कर रहे हैं। बंद के कारण रोजी रोटी का संकट बना हुआ है। ऐसे में संकल्प वेलफेयर सोसायटी के सदस्य निस्वार्थ सेवाभाव से खाद्य सामग्री वितरित करने में जुटे हुए हैं। रवीश भटीजा ने आह्वान किया कि अपने घरों में रहें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सरकार के दिशा निर्देशों को मानना चाहिए। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश हित में अच्छे फैसले ले रहे हैं। उनके साथ अनीश अरोड़ा, अरूण शर्मा, आनन्द त्रिपाठी, कार्तिक शर्मा, शिवम शर्मा, आकाश ठाकुर, सुमित ठाकुर आदि सोसायटी के सदस्य अभियान को संचालित करने में सहयेाग कर रहे हैं।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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