हरिद्वार। लाॅकडाउन के बीच शुरू हुई रमजान महीने में रोजा इफ्तारी में रोजेदारों को खरीददारी करने में महंगाई का सामना तो करना पड़ रहा है। रोजा इफ्तारी में सबसे अधिक पसंदीदा चीज खजूर रोजेदारों को बहुत अधिक महंगी मिल रही है। प्रतिवर्ष खजूर बेचने वाले कारोबारी भी बाहर से आने वाली खजूर की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। रोजेदारों को ढाई सौ रूपए से लेकर पांच सौ रूपए तक की खजूर बेची जा रही है। अधिकांश खजूर बाहरी देशों से भारत के विभिन्न राज्यों में माहे रमजान में आती है। लेकिन लाॅकडाउन के चलते कारोबारियों को खजूर सही समय पर नहीं मिल पा रही है। कारोबारी अनवार ने बताया कि कई किस्म की खजूर रोजेदारों के लिए लायी गयी है। लेकिन चार दिन पहले खजूर के लिए आर्डर देना पड़ता है। ईरानी रसगुल्ला, राॅयल, फरारी, फरत, कीमया गोल्ड आदि की बिक्री की जा रही है। पूर्व में जो खजूर डेढ़ सौ व नब्बे रूपए बिक्री की जाती थी। लेकिन अब वही खजूर ढाई सौ से तीन सौ रूपए लाॅकडाउन के कारण बेची जा रही है। रोजेदार असलम पीरजी व इखलाक ने बताया कि खजूर से रोजा खोलना सुन्नत है। खजूर से प्रत्येक रोजेदार अपना रोजा खोलता है। लेकिन लाॅकडाउन के चलते अच्छी खजूर तीन सौ रूपए से लेकर हजार रूपए तक बाजारों में बेची जा रही है। मध्यम वर्ग के लोग खजूर नहीं खरीद पा रहे हैं। इफ्तारी में इस्तेमाल किए जाने फल सेब, केला, पपीता, अंगूर भी बाजारों में काफी महंगा मिल रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते बाजारों में लघु व्यापारियों द्वारा फड़ ठेलियां तो लगायी जा रही हैं। लेकिन सात से एक बजे की अवधि में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बाजारों में पुलिस करा रही है। रोजेदार भी मूंह पर मास्क व सरकार के दिशा निर्देशों का पालन कर रहे हैं। बाजारों में रोजेदार समय अवधि के दौरान ही इफ्तारी की खरीददारी कर लेते हैं।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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