हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि मानव जाति संकट से जूझ रही है। इस संकट से उबरने के लिए रणनीति के तहत कार्य किए जाएं। उक्त उद्गार जसविन्दर सिंह महाराज ने अखाड़े में जरूरतमंदों को राशन वितरण के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सरकार के लाॅकडाउन का पालन सही रूप से तभी किया जा सकता है। जब निर्धन असहाय बेसहारा मजूदर वर्गो को उनके घरों तक ही जरूरत की वस्तुएं प्रदान की जाएं। इस संकट की घड़ी में संत महापुरूषों का योगदान तो चला आ रहा है। अन्य लोगों को भी सहयोग प्रदान करना चाहिए। प्रशासन के सहयोग से गरीब बेसहारा लोगों को खाद्य सामग्री मुहैया करायी जा रही है। महंत जसविन्दर सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस को समाप्त करने में मात्र जनता के सहयोग की आवश्यकता है। राज्य की त्रिवेंद्र सरकार राज्य वासियों के लिए जो दिशा निर्देश दे रही है। उसका पालन प्रत्येक नागरिक को करना होगा। पालन करने से ही संकट की इस घड़ी को दूर किया जा सकता है। महंत सतनाम सिंह महाराज ने कहा कि श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा देश भर में सेवा के प्रकल्पों से ही जाना जाता है। सभी का कर्तव्य बनता है कि मानवता का संदेश देते हुए गरीब बेसहारों की दिल खोलकर मदद करें। महंत अमनदीप सिंह महाराज ने कहा कि सेवा कार्यो से ही आश्रम अखाड़ों की पहचान है। जरूरतमंदो को सहायता पहुंचाना हमारा नैतिक कर्तव्य बनता है। अखाड़े के माध्यम से प्रतिदिन खाद्य सामग्री प्रशासन को सौंपी जा रही है। खाने के पैकेट भी निर्धन परिवारों को दिए जा रहे हैं। इस अवसर पर महंत सुखमन सिंह, संत जसकरण सिंह, महंत निर्मल सिंह, महंत खेमसिंह, संत तलविन्दर सिंह आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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