हरिद्वार। श्री दण्डी स्वामी जयनारायणाश्रम धमार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष पूर्व पालिका चेयरमैन सतपाल ब्रह्मचारी महाराज ने अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह को श्री राधा कृष्ण धाम व थानाराम आश्रम अन्न क्षेत्र में प्रधानमंत्री केयर फण्ड में 51 हजार रूपए की धनरशि का चेक सौंपा। इस अवसर पर पूर्व पालिका चेयरमनैन सतपाल ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि ट्रस्ट के माध्यम से 51 हजार का चेक सौंपा गया है। लाॅकडाउन के कारण गरीब, असहाय, निर्धन परिवार परेशान हैं। सरकार को मजदूर श्रमिकों की मदद करनी चाहिए। सरकार के दिशा निर्देशों का पालन भी सभी को समान रूप से करने की आवश्यकता है। सतपाल ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि श्री राधा कृष्ण धाम व थाना राम अन्न क्षेत्र में 22 मार्च से पन्द्रह सौ लोगों को सुबह व पांच सौं लोगो को भोजन दिया जा रहा है। लाॅकडाउन तक भोजन की व्यवस्था सुचारू रहेगी। म.म.स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज ने कहा कि संत समाज मिलजुल कर गरीब असहाय निर्धन परिवारों की मदद में अपना योगदान देता चला आ रहा है। धनराशि के चेक के साथ साथ खाद्य सामग्री भी संत महापुरूषों द्वारा प्रदान की जा रही है। नितिन यादव व सुमित तिवारी ने लाॅकडाउन में संत महापुरूषों द्वारा की जा रही सेवाभाव प्रशंसा की और कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के प्रयास किए जा रहे हैं। अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह ने पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी महाराज के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि सेवा कार्यो से ही संत समाज की पहचान है। संत महापुरूष सदैव ही समाज को गति प्रदान करने में अपना योगदान देते चले आ रहे हैं। इस अवसर पर रोहित नेगी, अनुज चैहान, एकलव्य गोस्वामी, हन्नी अग्रवाल, आकाश भाटी, हरिओम शर्मा, नितिन यादव, तरूण सैनी, संदीप भट्ट, प्रीतम कांडपाल, मधुकांत गिरी, थानेश्वर शर्मा, महेश पुरी आदि मौजूद रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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