हरिद्वार। चेन्नई से श्रमिक स्पेशल ट्रेन बुधवार दोपहर को हरिद्वार रेलवे स्टेशन पहुंची। ट्रेन में 875 प्रवासी थे। ट्रेन अपने निर्धारित समय से करीब पौन घंटे विलंब से पहुंची। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का सेनिटाइजेशन और सत्यापन के बाद इन्हें परिसर में लाया गया। जहां हरिद्वार, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और चमोली के प्रवासियों को छोड़कर बाकी को रोडवेज बसों से उनके गृह जनपदों के लिए रवाना कर दिया गया। प्रशासन की ओर से इन्हें भोजन के पैकेट भी मुहैया कराए गए। श्रमिक ट्रेन से प्रशासन की ओर से करीब 14 सौ प्रवासियों के आने की जानकारी दी गई थी, इसके सापेक्ष 875 प्रवासी पहुंचे। इनमें टिहरी के 153, हरिद्वार के 36, देहरादून के 50, उत्तरकाशी के 21, रुद्रप्रयाग के 63, चमोली के 44, पौड़ी के 42, अल्मोड़ा के 35, बागेश्वर के 66, चंपावत के 43, ऊधमसिंह नगर के 189, पिथौरागढ़ के 67 और नैनीताल के 40 प्रवासी शामिल हैं। इसके अलावा हिमाचल से एक और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के 25 प्रवासी भी पहुंचे। हरिद्वार के 36, उत्तरकाशी के 21, रुद्रप्रयाग के 63 और चमोली के 44 यानी कुल 144 प्रवासियों को बहादराबाद और हरिद्वार के अलग-अलग होटलों में क्वारंटाइन किया गया है। इस दौरान एडीएम केके मिश्रा जीआरपी एएसपी मनोज कत्याल, आरपीएफ इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार, स्टेशन डायरेक्टर अतुल शर्मा, इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी के सचिव डॉ. नरेश चैधरी आदि मौजूद रहे। दूसरी ओर बुधवार को देहरादून से किशनगंज के लिए चलाई गई स्पेशल ट्रेन में हरिद्वार से 432 श्रमिक सवार हुए। शाम चार बजे स्पेशल ट्रेन हरिद्वार से रवाना हुई। ट्रेन में जगह न होने के चलते करीब 500 से 600 की संख्या में श्रमिक हरिद्वार में ही रोक लिए गए। इन्हें प्रशासन की ओर से दूसरी ट्रेनों से भिजवाने की व्यवस्था की जाएगी।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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