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सनातन हिन्दू के रक्षक थे आद्य शंकराचार्य भगवान: जगद्गुरू राजराजेश्वराश्रम

हरिद्वार। मानव कल्याण आश्रम के प्रागंण मंे स्थित आद्य शंकराचार्य स्मारक समिति के नये कार्यालय का लोकार्पण जगद्गुरू राजराजेश्वराश्रम, आद्य शंकराचार्य स्मारक समिति के अध्यक्ष म.मं. स्वामी विश्ववेश्वरानन्द गिरि महाराज, महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्रपुरी ने भगवान आद्य शंकराचार्य के श्रीविग्रह के पूजन के साथ किया। इस अवसर पर जगद्गुरू राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि सनातन हिन्दू धर्म की रक्षा और भारत को धार्मिक, सांस्कृतिक व एकता के सूत्र में बांधे रखने का कार्य आद्य जगद्गुरू शंकराचार्य भगवान ने किया। सनातन हिन्दू धर्म में संन्यास परम्परा के जनक आद्य शंकराचार्य भगवान की स्मृति को चिरस्थायी रखने के लिए आद्य शंकराचार्य स्मारक समिति ने जहां कनखल में शंकराचार्य चैक स्थापित किया। वहीं ब्रह्मलीन स्वामी कल्याणानन्द सरस्वती जी महाराज ने जीवन पर्यन्त मानव कल्याण आश्रम के माध्यम आद्य शंकराचार्य भगवान की स्मृति को संजोये रखने का कार्य किया। आद्य जगद्गुरू स्मारक समिति के अध्यक्ष म.मं. स्वामी विश्ववेश्वरानन्द महाराज ने आद्य शंकराचार्य भगवान व उनके प्रति अनन्य श्रद्धा भाव रखने वाले मानव कल्याण आश्रम के ब्रह्मलीन परमाध्यक्ष स्वामी कल्याणानन्द जी महाराज को स्मरण करते हुए कहा कि मानव कल्याण शुरू से ही आद्य शंकराचार्य स्मारक समिति की गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र रहा है। आद्य शंकराचार्य स्मारक समिति के महामंत्री स्वामी देवानन्द सरस्वती महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि जगद्गुरू भगवान आद्य शंकराचार्य चैक स्मारक एवं समिति स्थापना काल में महती भूमिका निभाने वाले ब्रह्मलीन महंत कल्याणानन्द सरस्वती संस्थापक मानव कल्याण आश्रम कनखल ने अपने जीवनकाल में जीवन पर्यन्त समिति कार्यालय एवं आश्रम कार्यालय एक ही कक्ष में संचालित करते रहे। इस अवसर पर ललिताम्बा देवी ट्रस्ट द्वारा संचालित मानव कल्याण आश्रम के ट्रस्टी महन्त रविन्द्र पुरी, श्रीमहंत देवानन्द सरस्वती, अध्यक्ष विनोद अग्रवाल, मैनेजिंग ट्रस्टी अनिरूद्ध भाटी, आद्य शंकराचार्य स्मारक समिति के मंत्री महंत धीरेन्द्र पुरी, प्रचार मंत्री महंत ललितानन्द गिरि, कोषाध्यक्ष महंत विनोद गिरि, सहकोषाध्यक्ष स्वामी कमलानन्द, महंत दिव्यानन्द, महंत प्रकाशानन्द आदि उपस्थित रहे।


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

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धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।