हरिद्वार। यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कार्यकारी जिला अध्यक्ष रवि बहादुर के नेतृत्व में काली पट्टी बांधकर जमकर नारेबाजी करते हुए काले गुब्बारे उड़ाकर भाजपा की वर्चुअल रैली का विरोध किया। इस दौरान रवि बहादुर ने कहा कि देश वैश्विक महामारी कोरोना से जूझ रहा है। किसान, गरीब, मजूदर, प्राईवेट नौकरी करने वाले, छोटे मझौले व्यापारी आर्थिक व मानसिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। कोरोना महामारी से जूझ रही बेरोजगारी का सामना कर रही गरीब जनता की समस्या दूर करने के बजाए राजनीति कर रही है। वर्चुअल रैली के लिए करोड़ों रूपया खर्च कर एलईडी टीवी लगाए जा रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं को दुरूस्त करने पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कोरोना का इलाज करने में जुटे चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों को बचाव के पर्याप्त उपकरण तक सरकार उपलब्ध नहीं करा पा रही है। कोरोना वायरस की रोकथाम के उपाय भी नहीं किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने गरीबों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। अनिल भास्कर व अंकित चैहान ने कहा कि नेपाल व चीन सीमा पर घुसपैठ कर रहे हैं। रक्षा मंत्री एलईडी टीवी के माध्यम से गरीबों का उपहास करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की कोई सुध नहीं ली जा रही है। विपक्ष पर दबाव बनाकर नेताओं को फंसाने का काम किया जा रहा है। सरकार अपनी विफलताओं का ठीकरा भी विपक्ष पर फोड़ रही है। शाहनवाज कुरैशी व कैश खुराना ने कहा कि अपनी विफलताएं छुपाने के लिए राजनीति पर उतारू है। देश की जनता भाजपा सरकार की कथनी करनी को समझ चुकी है। चीन व नेपाल भारत को आंखे दिखाने का काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार की गलत नीतियों से देश की जनता आजिज आ चुकी है। प्रदर्शन करने वालों में अंकित चैहान, शिव खुराना, नासिर गौड़, ब्रजपाल, मयंक सिंह आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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