हरिद्वार। बिलाल कुरैशी को प्रदेश व्यापार मण्डल की नवगठित इकाई ईदगाह सुभाष नगर रोड़ व्यापार मण्डल का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। जबकि विपिन चैधरी को महामंत्री व शहजाद को कोषाध्यक्ष, अंकित चैधरी को उपाध्यक्ष बनाया गया है। इस अवसर पर नवगठित टीम को बधाई देते हुए जिला अध्यक्ष शिवकुमार कश्यप ने कहा कि व्यापारियों की एकता को संगठित करने के प्रयासों के तहत व्यापारियों का एकीकरण निश्चित तौर सफलताओं के नए आयाम रचेगा। संगठित होकर व्यापारी अपनी समस्याओं का निदान कर सकेंगे। व्यापारियों के हितों से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। ईदगाह सुभाष नगर रोड़ व्यापार मण्डल के अध्यक्ष बिलाल कुरैशी व्यापारियों के हितों में अपना योगदान देंगे। जिला महामंत्री संदीप मेहता ने कहा कि व्यापारी एकता के बल पर ही समस्याओं का निदान किया जा सकता है। उन्होंने नवगठित टीम को शुभकामनाएं दी। ज्वालापुर कोतवाली रोड़ व्यापार मण्डल के अध्यक्ष पार्षद सुहेल अख्तर ने कहा कि साप्ताहिक बंदी को सफल बनाने में व्यापारी अपना सहयोग प्रदान करते चले आ रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से भी अपील करते हुए कहा कि साप्ताहिक बंदी के दौरान बाजारों में बड़े स्तर पर सेनेटाईजेशन अभियान चलाया जाए। सुहेल अख्तर ने कहा कि व्यापारियों की समस्याओं का हरसंभव निदान करने के प्रयास किए जाएंगे। नवनियुक्त अध्यक्ष बिलाल कुरैशी व महामंत्री विपिन चैधरी ने सभी व्यापारियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि व्यापारियों की समस्याओं का निदान किया जाएगा। इस अवसर पर शौकीन अली, नफीस अखान, शमीम खान, सत्तार अली, शोएब, नौशाद अहमद, दानिश कुरैशी, हामिद सैफी, अनस कुरैशी, मुकीम अली, राव खालिद, प्रमोद, नदीम त्यागी, रवि, गुलफाम, लक्की, गुलजार, वसीम खान, समीर, प्रिंस, फरमान खान आदि व्यापारी मौजूद रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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